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وَلَوْ شِئْنَا لَرَفَعْنٰهُ بِهَا وَلٰكِنَّهٗٓ اَخْلَدَ اِلَى الْاَرْضِ وَاتَّبَعَ هَوٰىهُۚ فَمَثَلُهٗ كَمَثَلِ الْكَلْبِۚ اِنْ تَحْمِلْ عَلَيْهِ يَلْهَثْ اَوْ تَتْرُكْهُ يَلْهَثْۗ ذٰلِكَ مَثَلُ الْقَوْمِ الَّذِيْنَ كَذَّبُوْا بِاٰيٰتِنَاۚ فَاقْصُصِ الْقَصَصَ لَعَلَّهُمْ يَتَفَكَّرُوْنَ  ( الأعراف: ١٧٦ )

And if
وَلَوْ
और अगर
We willed
شِئْنَا
चाहते हम
surely We (could) have raised him
لَرَفَعْنَٰهُ
अलबत्ता बुलन्द करते हम उसे
with these
بِهَا
साथ उनके
[and] but he
وَلَٰكِنَّهُۥٓ
और लेकिन वो
adhered
أَخْلَدَ
वो झुक गया
to
إِلَى
तरफ़ ज़मीन के
the earth
ٱلْأَرْضِ
तरफ़ ज़मीन के
and followed
وَٱتَّبَعَ
और उसने पैरवी की
his (vain) desires
هَوَىٰهُۚ
अपनी ख़्वाहिशात की
So his example
فَمَثَلُهُۥ
तो मिसाल उसकी
(is) like (the) example
كَمَثَلِ
मानिन्द मिसाल
(of) the dog
ٱلْكَلْبِ
कुत्ते की है
if
إِن
अगर
you attack
تَحْمِلْ
तू हमला करे
[on] him
عَلَيْهِ
उस पर
he lolls out his tongue
يَلْهَثْ
वो ज़बान लटकाता है
or
أَوْ
या
if you leave him
تَتْرُكْهُ
तू छोड़ दे उसे
he lolls out his tongue
يَلْهَثۚ
वो ज़बान लटकाता है
That
ذَّٰلِكَ
ये
(is the) example
مَثَلُ
मिसाल है
(of) the people
ٱلْقَوْمِ
उस क़ौम की
who
ٱلَّذِينَ
जिन्होंने
denied
كَذَّبُوا۟
झुठलाया
[in] Our Signs
بِـَٔايَٰتِنَاۚ
हमारी आयात को
So relate
فَٱقْصُصِ
पस बयान कीजिए
the story
ٱلْقَصَصَ
वाक़िआत
so that they may
لَعَلَّهُمْ
ताकि वो
reflect
يَتَفَكَّرُونَ
वो ग़ौरो फ़िक्र करें

Walaw shina larafa'nahu biha walakinnahu akhlada ila alardi waittaba'a hawahu famathaluhu kamathali alkalbi in tahmil 'alayhi yalhath aw tatrukhu yalhath thalika mathalu alqawmi allatheena kaththaboo biayatina faoqsusi alqasasa la'allahum yatafakkaroona (al-ʾAʿrāf 7:176)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

यदि हम चाहते तो इन आयतों के द्वारा उसे उच्चता प्रदान करते, किन्तु वह तो धरती के साथ लग गया और अपनी इच्छा के पीछे चला। अतः उसकी मिसाल कुत्ते जैसी है कि यदि तुम उसपर आक्षेप करो तब भी वह ज़बान लटकाए रहे या यदि तुम उसे छोड़ दो तब भी वह ज़बान लटकाए ही रहे। यही मिसाल उन लोगों की है, जिन्होंने हमारी आयतों को झुठलाया, तो तुम वृत्तान्त सुनाते रहो, कदाचित वे सोच-विचार कर सकें

English Sahih:

And if We had willed, We could have elevated him thereby, but he adhered [instead] to the earth and followed his own desire. So his example is like that of the dog: if you chase him, he pants, or if you leave him, he [still] pants. That is the example of the people who denied Our signs. So relate the stories that perhaps they will give thought. ([7] Al-A'raf : 176)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और अगर हम चाहें तो हम उसे उन्हें आयतों की बदौलत बुलन्द मरतबा कर देते मगर वह तो ख़ुद ही पस्ती (नीचे) की तरफ झुक पड़ा और अपनी नफसानी ख्वाहिश का ताबेदार बन बैठा तो उसकी मसल है कि अगर उसको धुत्कार दो तो भी ज़बान निकाले रहे और उसको छोड़ दो तो भी ज़बान निकले रहे ये मसल उन लोगों की है जिन्होंने हमारी आयतों को झुठलाया तो (ऐ रसूल) ये क़िस्से उन लोगों से बयान कर दो ताकि ये लोग खुद भी ग़ौर करें