وَاِذْ تَاَذَّنَ رَبُّكَ لَيَبْعَثَنَّ عَلَيْهِمْ اِلٰى يَوْمِ الْقِيٰمَةِ مَنْ يَّسُوْمُهُمْ سُوْۤءَ الْعَذَابِۗ اِنَّ رَبَّكَ لَسَرِيْعُ الْعِقَابِۖ وَاِنَّهٗ لَغَفُوْرٌ رَّحِيْمٌ ( الأعراف: ١٦٧ )
Waith taaththana rabbuka layab'athanna 'alayhim ila yawmi alqiyamati man yasoomuhum sooa al'athabi inna rabbaka lasaree'u al'iqabi wainnahu laghafoorun raheemun (al-ʾAʿrāf 7:167)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और याद करो जब तुम्हारे रब ने ख़बर कर दी थी कि वह क़ियामत के दिन तक उनके विरुद्ध ऐसे लोगों को उठाता रहेगा, जो उन्हें बुरी यातना देंगे। निश्चय ही तुम्हारा रब जल्द सज़ा देता है और वह बड़ा क्षमाशील, दावान भी है
English Sahih:
And [mention] when your Lord declared that He would surely [continue to] send upon them until the Day of Resurrection those who would afflict them with the worst torment. Indeed, your Lord is swift in penalty; but indeed, He is Forgiving and Merciful. ([7] Al-A'raf : 167)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(ऐ रसूल वह वक्त याद दिलाओ) जब तुम्हारे परवरदिगार ने पुकार पुकार के (बनी ईसराइल से कह दिया था कि वह क़यामत तक उन पर ऐसे हाक़िम को मुसल्लत देखेगा जो उन्हें बुरी बुरी तकलीफें देता रहे क्योंकि) इसमें तो शक़ ही नहीं कि तुम्हारा परवरदिगार बहुत जल्द अज़ाब करने वाला है और इसमें भी शक़ नहीं कि वह बड़ा बख्शने वाला (मेहरबान) भी है