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قُلْ يٰٓاَيُّهَا النَّاسُ اِنِّيْ رَسُوْلُ اللّٰهِ اِلَيْكُمْ جَمِيْعًا ۨالَّذِيْ لَهٗ مُلْكُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِۚ لَآ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ يُحْيٖ وَيُمِيْتُۖ فَاٰمِنُوْا بِاللّٰهِ وَرَسُوْلِهِ النَّبِيِّ الْاُمِّيِّ الَّذِيْ يُؤْمِنُ بِاللّٰهِ وَكَلِمٰتِهٖ وَاتَّبِعُوْهُ لَعَلَّكُمْ تَهْتَدُوْنَ  ( الأعراف: ١٥٨ )

Say
قُلْ
कह दीजिए
"O!
يَٰٓأَيُّهَا
"mankind!
ٱلنَّاسُ
लोगो
Indeed I am
إِنِّى
बेशक मैं
(the) Messenger
رَسُولُ
रसूल हूँ
(of) Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह का
to you
إِلَيْكُمْ
तरफ़ तुम्हारे
all
جَمِيعًا
सब के
the One
ٱلَّذِى
वो ही है
for Whom
لَهُۥ
जिसके लिए
(is the) dominion
مُلْكُ
बादशाहत है
(of) the heavens
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों की
and the earth
وَٱلْأَرْضِۖ
और ज़मीन की
(There is) no
لَآ
नहीं
god
إِلَٰهَ
कोई इलाह (बरहक़)
except
إِلَّا
मगर
Him
هُوَ
वो ही
He gives life
يُحْىِۦ
वो ज़िन्दा करता है
and causes death
وَيُمِيتُۖ
और वो मौत देता है
So believe
فَـَٔامِنُوا۟
पस ईमान लाओ
in Allah
بِٱللَّهِ
अल्लाह पर
and His Messenger
وَرَسُولِهِ
और उसके रसूल पर
the Prophet
ٱلنَّبِىِّ
जो नबी
the unlettered
ٱلْأُمِّىِّ
उम्मी है
the one who
ٱلَّذِى
वो जो
believes
يُؤْمِنُ
ईमान रखता है
in Allah
بِٱللَّهِ
अल्लाह पर
and His Words
وَكَلِمَٰتِهِۦ
और उसके कलिमात पर
and follow him
وَٱتَّبِعُوهُ
और इत्तिबा करो उसका
so that you may
لَعَلَّكُمْ
ताकि तुम
(be) guided"
تَهْتَدُونَ
तुम हिदायत पा जाओ

Qul ya ayyuha alnnasu innee rasoolu Allahi ilaykum jamee'an allathee lahu mulku alssamawati waalardi la ilaha illa huwa yuhyee wayumeetu faaminoo biAllahi warasoolihi alnnabiyyi alommiyyi allathee yuminu biAllahi wakalimatihi waittabi'oohu la'allakum tahtadoona (al-ʾAʿrāf 7:158)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

कहो, 'ऐ लोगो! मैं तुम सबकी ओर उस अल्लाह का रसूल हूँ, जो आकाशों और धरती के राज्य का स्वामी है उसके सिवा कोई पूज्य नहीं, वही जीवन प्रदान करता और वही मृत्यु देता है। अतः जीवन प्रदान करता और वही मृत्यु देता है। अतः अल्लाह और उसके रसूल, उस उम्मी नबी, पर ईमान लाओ जो स्वयं अल्लाह पर और उसके शब्दों (वाणी) पर ईमान रखता है और उनका अनुसरण करो, ताकि तुम मार्ग पा लो।'

English Sahih:

Say, [O Muhammad], "O mankind, indeed I am the Messenger of Allah to you all, [from Him] to whom belongs the dominion of the heavens and the earth. There is no deity except Him; He gives life and causes death." So believe in Allah and His Messenger, the unlettered prophet, who believes in Allah and His words, and follow him that you may be guided. ([7] Al-A'raf : 158)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ऐ रसूल) तुम (उन लोगों से) कह दो कि लोगों में तुम सब लोगों के पास उस ख़ुदा का भेजा हुआ (पैग़म्बर) हूँ जिसके लिए ख़ास सारे आसमान व ज़मीन की बादशाहत (हुकूमत) है उसके सिवा और कोई माबूद नहीं वही ज़िन्दा करता है वही मार डालता है पस (लोगों) ख़ुदा और उसके रसूल नबी उल उम्मी पर ईमान लाओ जो (ख़ुद भी) ख़ुदा पर और उसकी बातों पर (दिल से) ईमान रखता है और उसी के क़दम बा क़दम चलो ताकि तुम हिदायत पाओ