قُلْ يٰٓاَيُّهَا النَّاسُ اِنِّيْ رَسُوْلُ اللّٰهِ اِلَيْكُمْ جَمِيْعًا ۨالَّذِيْ لَهٗ مُلْكُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِۚ لَآ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ يُحْيٖ وَيُمِيْتُۖ فَاٰمِنُوْا بِاللّٰهِ وَرَسُوْلِهِ النَّبِيِّ الْاُمِّيِّ الَّذِيْ يُؤْمِنُ بِاللّٰهِ وَكَلِمٰتِهٖ وَاتَّبِعُوْهُ لَعَلَّكُمْ تَهْتَدُوْنَ ( الأعراف: ١٥٨ )
Qul ya ayyuha alnnasu innee rasoolu Allahi ilaykum jamee'an allathee lahu mulku alssamawati waalardi la ilaha illa huwa yuhyee wayumeetu faaminoo biAllahi warasoolihi alnnabiyyi alommiyyi allathee yuminu biAllahi wakalimatihi waittabi'oohu la'allakum tahtadoona (al-ʾAʿrāf 7:158)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
कहो, 'ऐ लोगो! मैं तुम सबकी ओर उस अल्लाह का रसूल हूँ, जो आकाशों और धरती के राज्य का स्वामी है उसके सिवा कोई पूज्य नहीं, वही जीवन प्रदान करता और वही मृत्यु देता है। अतः जीवन प्रदान करता और वही मृत्यु देता है। अतः अल्लाह और उसके रसूल, उस उम्मी नबी, पर ईमान लाओ जो स्वयं अल्लाह पर और उसके शब्दों (वाणी) पर ईमान रखता है और उनका अनुसरण करो, ताकि तुम मार्ग पा लो।'
English Sahih:
Say, [O Muhammad], "O mankind, indeed I am the Messenger of Allah to you all, [from Him] to whom belongs the dominion of the heavens and the earth. There is no deity except Him; He gives life and causes death." So believe in Allah and His Messenger, the unlettered prophet, who believes in Allah and His words, and follow him that you may be guided. ([7] Al-A'raf : 158)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(ऐ रसूल) तुम (उन लोगों से) कह दो कि लोगों में तुम सब लोगों के पास उस ख़ुदा का भेजा हुआ (पैग़म्बर) हूँ जिसके लिए ख़ास सारे आसमान व ज़मीन की बादशाहत (हुकूमत) है उसके सिवा और कोई माबूद नहीं वही ज़िन्दा करता है वही मार डालता है पस (लोगों) ख़ुदा और उसके रसूल नबी उल उम्मी पर ईमान लाओ जो (ख़ुद भी) ख़ुदा पर और उसकी बातों पर (दिल से) ईमान रखता है और उसी के क़दम बा क़दम चलो ताकि तुम हिदायत पाओ