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قَالَ يٰمُوْسٰٓى اِنِّى اصْطَفَيْتُكَ عَلَى النَّاسِ بِرِسٰلٰتِيْ وَبِكَلَامِيْ ۖفَخُذْ مَآ اٰتَيْتُكَ وَكُنْ مِّنَ الشّٰكِرِيْنَ  ( الأعراف: ١٤٤ )

He said
قَالَ
फ़रमाया
"O Musa!
يَٰمُوسَىٰٓ
ऐ मूसा
Indeed I
إِنِّى
बेशक मैं
have chosen you
ٱصْطَفَيْتُكَ
चुन लिया मैंने तुझे
over
عَلَى
लोगों पर
the people
ٱلنَّاسِ
लोगों पर
with My Messages
بِرِسَٰلَٰتِى
साथ अपने पैग़ामात के
and with My words
وَبِكَلَٰمِى
और सात अपने कलाम के
So take
فَخُذْ
पस ले लो
what
مَآ
जो
I have given you
ءَاتَيْتُكَ
दिया मैंने तुझे
and be
وَكُن
और हो जाओ
among
مِّنَ
शुक्र करने वालों में से
the grateful"
ٱلشَّٰكِرِينَ
शुक्र करने वालों में से

Qala ya moosa innee istafaytuka 'ala alnnasi birisalatee wabikalamee fakhuth ma ataytuka wakun mina alshshakireena (al-ʾAʿrāf 7:144)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उसने कहा, 'ऐ मूसा! मैंने दूसरे लोगों के मुक़ाबले में तुझे चुनकर अपने संदेशों और अपनी वाणी से तुझे उपकृत किया। अतः जो कुछ मैं तुझे दूँ उसे ले और कृतज्ञता दिखा।'

English Sahih:

[Allah] said, "O Moses, I have chosen you over the people with My messages and My words [to you]. So take what I have given you and be among the grateful." ([7] Al-A'raf : 144)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ख़ुदा ने फरमाया ऐ मूसा मैने तुमको तमाम लोगों पर अपनी पैग़म्बरी और हम कलामी (का दरजा देकर) बरगूज़ीदा किया है तब जो (किताब तौरैत) हमने तुमको अता की है उसे लो और शुक्रगुज़ार रहो