وَاَوْرَثْنَا الْقَوْمَ الَّذِيْنَ كَانُوْا يُسْتَضْعَفُوْنَ مَشَارِقَ الْاَرْضِ وَمَغَارِبَهَا الَّتِيْ بٰرَكْنَا فِيْهَاۗ وَتَمَّتْ كَلِمَتُ رَبِّكَ الْحُسْنٰى عَلٰى بَنِيْٓ اِسْرَاۤءِيْلَۙ بِمَا صَبَرُوْاۗ وَدَمَّرْنَا مَا كَانَ يَصْنَعُ فِرْعَوْنُ وَقَوْمُهٗ وَمَا كَانُوْا يَعْرِشُوْنَ ( الأعراف: ١٣٧ )
Waawrathna alqawma allatheena kanoo yustad'afoona mashariqa alardi wamagharibaha allatee barakna feeha watammat kalimatu rabbika alhusna 'ala banee israeela bima sabaroo wadammarna ma kana yasna'u fir'awnu waqawmuhu wama kanoo ya'rishoona (al-ʾAʿrāf 7:137)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और जो लोग कमज़ोर पाए जाते थे, उन्हें हमने उस भू-भाग के पूरब के हिस्सों और पश्चिम के हिस्सों का उत्तराधिकारी बना दिया, जिसे हमने बरकत दी थी। और तुम्हारे रब का अच्छा वादा इसराईल की सन्तान के हक़ में पूरा हुआ, क्योंकि उन्होंने धैर्य से काम लिया और फ़िरऔन और उसकी क़ौम का वह सब कुछ हमने विनष्ट कर दिया, जिसे वे बनाते और ऊँचा उठाते थे
English Sahih:
And We caused the people who had been oppressed to inherit the eastern regions of the land and the western ones, which We had blessed. And the good word [i.e., decree] of your Lord was fulfilled for the Children of Israel because of what they had patiently endured. And We destroyed [all] that Pharaoh and his people were producing and what they had been building. ([7] Al-A'raf : 137)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और जिन बेचारों को ये लोग कमज़ोर समझते थे उन्हीं को (मुल्क शाम की) ज़मीन का जिसमें हमने (ज़रखेज़ होने की) बरकत दी थी उसके पूरब पश्चिम (सब) का वारिस (मालिक) बना दिया और चूंकि बनी इसराईल नें (फिरऔन के ज़ालिमों) पर सब्र किया था इसलिए तुम्हारे परवरदिगार का नेक वायदा (जो उसने बनी इसराइल से किया था) पूरा हो गया और जो कुछ फिरऔन और उसकी क़ौम के लोग करते थे और जो ऊँची ऊँची इमारते बनाते थे सब हमने बरबाद कर दी