قَالَ فَاهْبِطْ مِنْهَا فَمَا يَكُوْنُ لَكَ اَنْ تَتَكَبَّرَ فِيْهَا فَاخْرُجْ اِنَّكَ مِنَ الصّٰغِرِيْنَ ( الأعراف: ١٣ )
(Allah) said
قَالَ
फ़रमाया
"Then go down
فَٱهْبِطْ
पस उतर जा
from it
مِنْهَا
इससे
for not
فَمَا
पस नहीं
it is
يَكُونُ
है
for you
لَكَ
तेरे लिए
that
أَن
कि
you be arrogant
تَتَكَبَّرَ
तू तकब्बुर करे
in it
فِيهَا
इसमें
So get out;
فَٱخْرُجْ
पस निकल जा
indeed you
إِنَّكَ
बेशक तू
(are) of
مِنَ
ज़लील होने वालों में से है
the disgraced ones"
ٱلصَّٰغِرِينَ
ज़लील होने वालों में से है
Qala faihbit minha fama yakoonu laka an tatakabbara feeha faokhruj innaka mina alssaghireena (al-ʾAʿrāf 7:13)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
कहा, 'उतर जा यहाँ से! तुझे कोई हक़ नहीं है कि यहाँ घमंड करे, तो अब निकल जा; निश्चय ही तू अपमानित है।'
English Sahih:
[Allah] said, "Descend from it [i.e., Paradise], for it is not for you to be arrogant therein. So get out; indeed, you are of the debased." ([7] Al-A'raf : 13)