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قَالُوْآ اَرْجِهْ وَاَخَاهُ وَاَرْسِلْ فِى الْمَدَاۤىِٕنِ حٰشِرِيْنَۙ   ( الأعراف: ١١١ )

They said
قَالُوٓا۟
उन्होंने कहा
"Postpone him
أَرْجِهْ
इन्तिज़ार में रखो इसे
and his brother
وَأَخَاهُ
और इसके भाई को
and send
وَأَرْسِلْ
और भेज दो
in
فِى
शहरों में
the cities
ٱلْمَدَآئِنِ
शहरों में
gatherers
حَٰشِرِينَ
इकट्ठा करने वाले

Qaloo arjih waakhahu waarsil fee almadaini hashireena (al-ʾAʿrāf 7:111)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उन्होंने कहा, 'इसे और इसके भाई को प्रतीक्षा में रखो और नगरों में हरकारे भेज दो,

English Sahih:

They said, "Postpone [the matter of] him and his brother and send among the cities gatherers ([7] Al-A'raf : 111)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(आख़िर) सबने मुत्तफिक़ अलफाज़ (एक ज़बान होकर) कहा कि (ऐ फिरऔन) उनको और उनके भाई (हारून) को चन्द दिन कैद में रखिए और (एतराफ़ के) शहरों में हरकारों को भेजिए