حَقِيْقٌ عَلٰٓى اَنْ لَّآ اَقُوْلَ عَلَى اللّٰهِ اِلَّا الْحَقَّۗ قَدْ جِئْتُكُمْ بِبَيِّنَةٍ مِّنْ رَّبِّكُمْ فَاَرْسِلْ مَعِيَ بَنِيْٓ اِسْرَاۤءِيْلَ ۗ ( الأعراف: ١٠٥ )
Obligated
حَقِيقٌ
क़ायम हूँ
on
عَلَىٰٓ
इस पर
that
أَن
कि
not
لَّآ
ना
I say
أَقُولَ
मैं कहूँ
about
عَلَى
अल्लाह पर
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह पर
except
إِلَّا
मगर
the truth
ٱلْحَقَّۚ
हक़ (बात)
Verily
قَدْ
तहक़ीक़
I (have) come to you
جِئْتُكُم
लाया हूँ मैं तुम्हारे पास
with a clear Sign
بِبَيِّنَةٍ
एक वाज़ेह निशानी
from
مِّن
तुम्हारे रब की तरफ़ से
your Lord
رَّبِّكُمْ
तुम्हारे रब की तरफ़ से
so send
فَأَرْسِلْ
पस भेज दो
with me
مَعِىَ
साथ मेरे
(the) Children
بَنِىٓ
बनी इस्राईल को
(of) Israel"
إِسْرَٰٓءِيلَ
बनी इस्राईल को
Haqeequn 'ala an la aqoola 'ala Allahi illa alhaqqa qad jitukum bibayyinatin min rabbikum faarsil ma'iya banee israeela (al-ʾAʿrāf 7:105)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
'मैं इसका अधिकारी हूँ कि अल्लाह से सम्बद्ध करके सत्य के अतिरिक्त कोई बात न कहूँ। मैं तुम्हारे पास तुम्हारे रब की ओर से स्पष्ट प्रमाण लेकर आ गया हूँ। अतः तुम इसराईल की सन्तान को मेरे साथ जाने दो।'
English Sahih:
[Who is] obligated not to say about Allah except the truth. I have come to you with clear evidence from your Lord, so send with me the Children of Israel." ([7] Al-A'raf : 105)