تِلْكَ الْقُرٰى نَقُصُّ عَلَيْكَ مِنْ اَنْۢبَاۤىِٕهَاۚ وَلَقَدْ جَاۤءَتْهُمْ رُسُلُهُمْ بِالْبَيِّنٰتِۚ فَمَا كَانُوْا لِيُؤْمِنُوْا بِمَا كَذَّبُوْا مِنْ قَبْلُۗ كَذٰلِكَ يَطْبَعُ اللّٰهُ عَلٰى قُلُوْبِ الْكٰفِرِيْنَ ( الأعراف: ١٠١ )
Tilka alqura naqussu 'alayka min anbaiha walaqad jaathum rusuluhum bialbayyinati fama kanoo liyuminoo bima kaththaboo min qablu kathalika yatba'u Allahu 'ala quloobi alkafireena (al-ʾAʿrāf 7:101)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
ये है वे बस्तियाँ जिनके कुछ वृत्तान्त हम तुमको सुना रहे है। उनके पास उनके रसूल खुली-खुली निशानियाँ लेकर आए परन्तु वे ऐसे न हुए कि ईमान लाते। इसका कारण यह था कि वे पहले से झुठलाते रहे थे। इसी प्रकार अल्लाह इनकार करनेवालों के दिलों पर मुहर लगा देता है
English Sahih:
Those cities – We relate to you, [O Muhammad], some of their news. And certainly did their messengers come to them with clear proofs, but they were not to believe in that which they had denied before. Thus does Allah seal over the hearts of the disbelievers. ([7] Al-A'raf : 101)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(ऐ रसूल) ये चन्द बस्तियाँ हैं जिन के हालात हम तुमसे बयान करते हैं और इसमें तो शक़ ही नहीं कि उनके पैग़म्बर उनके पास वाजेए व रौशन मौजिज़े लेकर आए मगर ये लोग जिसके पहले झुठला चुके थे उस पर भला काहे को ईमान लाने वाले थे ख़ुदा यूं काफिरों के दिलों पर अलामत मुकर्रर कर देता है (कि ये ईमान न लाएँगें)