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وَاِنَّهٗ لَحَسْرَةٌ عَلَى الْكٰفِرِيْنَۚ  ( الحاقة: ٥٠ )

And indeed it
وَإِنَّهُۥ
और बेशक वो
(is) surely a regret
لَحَسْرَةٌ
अलबत्ता हसरत है
upon
عَلَى
काफ़िरों पर
the disbelievers
ٱلْكَٰفِرِينَ
काफ़िरों पर

Wainnahu lahasratun 'ala alkafireena (al-Ḥāq̈q̈ah 69:50)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

निश्चय ही वह इनकार करनेवालों के लिए सर्वथा पछतावा है,

English Sahih:

And indeed, it will be [a cause of] regret upon the disbelievers. ([69] Al-Haqqah : 50)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और इसमें शक़ नहीं कि ये काफ़िरों की हसरत का बाएस है