Skip to main content

اِنَّهٗ كَانَ لَا يُؤْمِنُ بِاللّٰهِ الْعَظِيْمِۙ  ( الحاقة: ٣٣ )

Indeed, he
إِنَّهُۥ
बेशक वो
(did)
كَانَ
था वो
not
لَا
ना वो ईमान रखता
believe
يُؤْمِنُ
ना वो ईमान रखता
in Allah
بِٱللَّهِ
अल्लाह पर
the Most Great
ٱلْعَظِيمِ
जो अज़मत वाला है

Innahu kana la yuminu biAllahi al'atheemi (al-Ḥāq̈q̈ah 69:33)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

'वह न तो महिमावान अल्लाह पर ईमान रखता था

English Sahih:

Indeed, he did not used to believe in Allah, the Most Great, ([69] Al-Haqqah : 33)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(क्यों कि) ये न तो बुज़ुर्ग ख़ुदा ही पर ईमान लाता था और न मोहताज के खिलाने पर आमादा (लोगों को) करता था