وَلَمْ اَدْرِ مَا حِسَابِيَهْۚ ( الحاقة: ٢٦ )
And not
وَلَمْ
और ना
I had known
أَدْرِ
मैं जानता
what
مَا
क्या है
(is) my account
حِسَابِيَهْ
हिसाब मेरा
Walam adri ma hisabiyah (al-Ḥāq̈q̈ah 69:26)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और मैं न जानता कि मेरा हिसाब क्या है!
English Sahih:
And had not known what is my account. ([69] Al-Haqqah : 26)