Wama adraka ma alhaqqatu
और तुम क्या जानो कि क्या है वह होकर रहनेवाली?
Kaththabat thamoodu wa'adun bialqari'ati
समूद और आद ने उस खड़खड़ा देनेवाली (घटना) को झुठलाया,
Faamma thamoodu faohlikoo bialttaghiyati
फिर समूद तो एक हद से बढ़ जानेवाली आपदा से विनष्ट किए गए
Waamma 'adun faohlikoo bireehin sarsarin 'atiyatin
और रहे आद, तो वे एक अनियंत्रित प्रचंड वायु से विनष्ट कर दिए गए
Sakhkharaha 'alayhim sab'a layalin wathamaniyata ayyamin husooman fatara alqawma feeha sar'a kaannahum a'jazu nakhlin khawiyatun
अल्लाह ने उसको सात रात और आठ दिन तक उन्मूलन के उद्देश्य से उनपर लगाए रखा। तो लोगों को तुम देखते कि वे उसमें पछाड़े हुए ऐसे पड़े है मानो वे खजूर के जर्जर तने हों
Fahal tara lahum min baqiyatin
अब क्या तुम्हें उनमें से कोई शेष दिखाई देता है?
Wajaa fir'awnu waman qablahu waalmutafikatu bialkhatiati
और फ़िरऔन ने और उससे पहले के लोगों ने और तलपट हो जानेवाली बस्तियों ने यह ख़ता की
Fa'asaw rasoola rabbihim faakhathahum akhthatan rabiyatan
उन्होंने अपने रब के रसूल की अवज्ञा की तो उसने उन्हें ऐसी पकड़ में ले लिया जो बड़ी कठोर थी
القرآن الكريم: | الحاقة |
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आयत सजदा (سجدة): | - |
सूरा (latin): | Al-Haqqah |
सूरा: | 69 |
कुल आयत: | 52 |
कुल शब्द: | 256 |
कुल वर्ण: | 1034 |
रुकु: | 2 |
वर्गीकरण: | मक्कन सूरा |
Revelation Order: | 78 |
से शुरू आयत: | 5323 |