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مَا لَكُمْۗ كَيْفَ تَحْكُمُوْنَۚ  ( القلم: ٣٦ )

What
مَا
क्या है
(is) for you?
لَكُمْ
तुम्हें
How
كَيْفَ
कैसे
(do) you judge?
تَحْكُمُونَ
तुम फ़ैसले करते हो

Ma lakum kayfa tahkumoona (al-Q̈alam 68:36)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

तुम्हें क्या हो गया है, कैसा फ़ैसला करते हो?

English Sahih:

What is [the matter] with you? How do you judge? ([68] Al-Qalam : 36)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(हरगिज़ नहीं) तुम्हें क्या हो गया है तुम तुम कैसा हुक्म लगाते हो