وَلَقَدْ زَيَّنَّا السَّمَاۤءَ الدُّنْيَا بِمَصَابِيْحَ وَجَعَلْنٰهَا رُجُوْمًا لِّلشَّيٰطِيْنِ وَاَعْتَدْنَا لَهُمْ عَذَابَ السَّعِيْرِ ( الملك: ٥ )
And certainly
وَلَقَدْ
और अलबत्ता तहक़ीक़
We have beautified
زَيَّنَّا
मुज़य्यन किया हमने
the heaven
ٱلسَّمَآءَ
आसमान को
nearest
ٱلدُّنْيَا
दुनिया के
with lamps
بِمَصَٰبِيحَ
साथ चिराग़ों के
and We have made them
وَجَعَلْنَٰهَا
और बनाया हमने उन्हें
(as) missiles
رُجُومًا
मारने की चीज़
for the devils
لِّلشَّيَٰطِينِۖ
शैतानों के लिए
and We have prepared
وَأَعْتَدْنَا
और तैयार कर रखा है हमने
for them
لَهُمْ
उनके लिए
punishment
عَذَابَ
अज़ाब
(of) the Blaze
ٱلسَّعِيرِ
भड़कती आग का
Walaqad zayyanna alssamaa alddunya bimasabeeha waja'alnaha rujooman lilshshayateeni waa'tadna lahum 'athaba alssa'eeri (al-Mulk 67:5)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
हमने निकटवर्ती आकाश को दीपों से सजाया और उन्हें शैतानों के मार भगाने का साधन बनाया और उनके लिए हमने भड़कती आग की यातना तैयार कर रखी है
English Sahih:
And We have certainly beautified the nearest heaven with lamps [i.e., stars] and have made [from] them what is thrown at the devils and have prepared for them the punishment of the Blaze. ([67] Al-Mulk : 5)