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اَمَّنْ هٰذَا الَّذِيْ يَرْزُقُكُمْ اِنْ اَمْسَكَ رِزْقَهٗ ۚ بَلْ لَّجُّوْا فِيْ عُتُوٍّ وَّنُفُوْرٍ   ( الملك: ٢١ )

Who is
أَمَّنْ
या कौन है
this
هَٰذَا
वो
the one
ٱلَّذِى
जो
to provide you
يَرْزُقُكُمْ
रिज़्क़ देगा तुम्हें
if
إِنْ
अगर
He withheld
أَمْسَكَ
वो रोक ले
His provision
رِزْقَهُۥۚ
रिज़्क़ अपना
Nay
بَل
बल्कि
they persist
لَّجُّوا۟
वो अड़े हुए हैं
in
فِى
सरकशी में
pride
عُتُوٍّ
सरकशी में
and aversion
وَنُفُورٍ
और बिदकने में

Amman hatha allathee yarzuqukum in amsaka rizqahu bal lajjoo fee 'utuwwin wanufoorin (al-Mulk 67:21)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

या वह कौन है जो तुम्हें रोज़ी दे, यदि वह अपनी रोज़ी रोक ले? नहीं, बल्कि वे तो सरकशी और नफ़रत ही पर अड़े हुए है

English Sahih:

Or who is it that could provide for you if He withheld His provision? But they have persisted in insolence and aversion. ([67] Al-Mulk : 21)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

मगर ये कुफ्फ़ार तो सरकशी और नफ़रत (के भँवर) में फँसे हुए हैं भला जो शख़्श औंधे मुँह के बाल चले वह ज्यादा हिदायत याफ्ता होगा