ءَاَمِنْتُمْ مَّنْ فِى السَّمَاۤءِ اَنْ يَّخْسِفَ بِكُمُ الْاَرْضَ فَاِذَا هِيَ تَمُوْرُۙ ( الملك: ١٦ )
Do you feel secure
ءَأَمِنتُم
क्या बेख़ौफ़ हो गए तुम
(from Him) Who
مَّن
उससे जो
(is) in
فِى
आसमान में है
the heaven
ٱلسَّمَآءِ
आसमान में है
not
أَن
कि
He will cause to swallow
يَخْسِفَ
वो धँसा दे
you
بِكُمُ
तुम्हें
the earth
ٱلْأَرْضَ
ज़मीन में
when
فَإِذَا
तो अचानक
it
هِىَ
वो
sways?
تَمُورُ
वो लरज़ने लगे
Aamintum man fee alssamai an yakhsifa bikumu alarda faitha hiya tamooru (al-Mulk 67:16)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
क्या तुम उससे निश्चिन्त हो जो आकाश में है कि तुम्हें धरती में धँसा दे, फिर क्या देखोगे कि वह डाँवाडोल हो रही है?
English Sahih:
Do you feel secure that He who is above would not cause the earth to swallow you and suddenly it would sway? ([67] Al-Mulk : 16)