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هُوَ الَّذِيْ جَعَلَ لَكُمُ الْاَرْضَ ذَلُوْلًا فَامْشُوْا فِيْ مَنَاكِبِهَا وَكُلُوْا مِنْ رِّزْقِهٖۗ وَاِلَيْهِ النُّشُوْرُ   ( الملك: ١٥ )

He
هُوَ
वो ही है
(is) the One Who
ٱلَّذِى
जिसने
made
جَعَلَ
बनाया
for you
لَكُمُ
तुम्हारे लिए
the earth
ٱلْأَرْضَ
ज़मीन को
subservient
ذَلُولًا
ताबेअ
so walk
فَٱمْشُوا۟
पस चलो
in
فِى
उसके अतराफ़ में
(the) paths thereof
مَنَاكِبِهَا
उसके अतराफ़ में
and eat
وَكُلُوا۟
और खाओ
of
مِن
उसके रिज़्क़ में से
His provision
رِّزْقِهِۦۖ
उसके रिज़्क़ में से
and to Him
وَإِلَيْهِ
और तरफ़ उसी के
(is) the Resurrection
ٱلنُّشُورُ
दोबारा उठना है

Huwa allathee ja'ala lakumu alarda thaloolan faimshoo fee manakibiha wakuloo min rizqihi wailayhi alnnushooru (al-Mulk 67:15)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

वही तो है जिसने तुम्हारे लिए धरती को वशीभूत किया। अतः तुम उसके (धरती के) कन्धों पर चलो और उसकी रोज़ी में से खाओ, उसी की ओर दोबारा उठकर (जीवित होकर) जाना है

English Sahih:

It is He who made the earth tame for you – so walk among its slopes and eat of His provision – and to Him is the resurrection. ([67] Al-Mulk : 15)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

वही तो है जिसने ज़मीन को तुम्हारे लिए नरम (व हमवार) कर दिया तो उसके अतराफ़ व जवानिब में चलो फिरो और उसकी (दी हुई) रोज़ी खाओ