يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ كَفَرُوْا لَا تَعْتَذِرُوا الْيَوْمَۗ اِنَّمَا تُجْزَوْنَ مَا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَ ࣖ ( التحريم: ٧ )
"O!
يَٰٓأَيُّهَا
ऐ लोगो जिन्होंने
"(you) who!
ٱلَّذِينَ
ऐ लोगो जिन्होंने
"disbelieve!
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
(Do) not
لَا
ना तुम मअज़रत करो
make excuses
تَعْتَذِرُوا۟
ना तुम मअज़रत करो
today
ٱلْيَوْمَۖ
आज के दिन
Only
إِنَّمَا
बेशक
you will be recompensed
تُجْزَوْنَ
तुम बदला दिए जा रहे हो
(for) what
مَا
उसका जो
you used (to)
كُنتُمْ
थे तुम
do"
تَعْمَلُونَ
तुम अमल करते
Ya ayyuha allatheena kafaroo la ta'tathiroo alyawma innama tujzawna ma kuntum ta'maloona (at-Taḥrīm 66:7)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
ऐ इनकार करनेवालो! आज उज़्र पेश न करो। तुम्हें बदले में वही तो दिया जा रहा है जो कुछ तुम करते रहे हो
English Sahih:
O you who have disbelieved, make no excuses that Day. You will only be recompensed for what you used to do. ([66] At-Tahrim : 7)