اِنْ تَتُوْبَآ اِلَى اللّٰهِ فَقَدْ صَغَتْ قُلُوْبُكُمَاۚ وَاِنْ تَظٰهَرَا عَلَيْهِ فَاِنَّ اللّٰهَ هُوَ مَوْلٰىهُ وَجِبْرِيْلُ وَصَالِحُ الْمُؤْمِنِيْنَۚ وَالْمَلٰۤىِٕكَةُ بَعْدَ ذٰلِكَ ظَهِيْرٌ ( التحريم: ٤ )
In tatooba ila Allahi faqad saghat quloobukuma wain tathahara 'alayhi fainna Allaha huwa mawlahu wajibreelu wasalihu almumineena waalmalaikatu ba'da thalika thaheerun (at-Taḥrīm 66:4)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
यदि तुम दोनों अल्लाह की ओर रुजू हो तो तुम्हारे दिल तो झुक ही चुके हैं, किन्तु यदि तुम उसके विरुद्ध एक-दूसरे की सहायता करोगी तो अल्लाह उसकी संरक्षक है, और जिबरील और नेक ईमानवाले भी, और इसके बाद फ़रिश्ते भी उसके सहायक है
English Sahih:
If you two [wives] repent to Allah, [it is best], for your hearts have deviated. But if you cooperate against him – then indeed Allah is his protector, and Gabriel and the righteous of the believers and the angels, moreover, are [his] assistants. ([66] At-Tahrim : 4)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(तो ऐ हफ़सा व आयशा) अगर तुम दोनों (इस हरकत से) तौबा करो तो ख़ैर क्योंकि तुम दोनों के दिल टेढ़े हैं और अगर तुम दोनों रसूल की मुख़ालेफ़त में एक दूसरे की अयानत करती रहोगी तो कुछ परवा नहीं (क्यों कि) ख़ुदा और जिबरील और तमाम ईमानदारों में नेक शख़्श उनके मददगार हैं और उनके अलावा कुल फरिश्ते मददगार हैं