قَدْ فَرَضَ اللّٰهُ لَكُمْ تَحِلَّةَ اَيْمَانِكُمْۚ وَاللّٰهُ مَوْلٰىكُمْۚ وَهُوَ الْعَلِيْمُ الْحَكِيْمُ ( التحريم: ٢ )
Indeed
قَدْ
तहक़ीक़
has ordained
فَرَضَ
मुक़र्रर कर दिया है
Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
for you
لَكُمْ
तुम्हारे लिए
(the) dissolution
تَحِلَّةَ
खोलना (कफ़्फ़ारा)
(of) your oaths
أَيْمَٰنِكُمْۚ
तुम्हारी क़समों का
And Allah
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
(is) your Protector
مَوْلَىٰكُمْۖ
मौला है तुम्हारा
and He
وَهُوَ
और वो ही है
(is) the All-Knower
ٱلْعَلِيمُ
ख़ूब इल्म वाला
the All-Wise
ٱلْحَكِيمُ
ख़ूब हिकमत वाला
Qad farada Allahu lakum tahillata aymanikum waAllahu mawlakum wahuwa al'aleemu alhakeemu (at-Taḥrīm 66:2)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
अल्लाह ने तुम लोगों के लिए तुम्हारी अपनी क़समों की पाबंदी से निकलने का उपाय निश्चित कर दिया है। अल्लाह तुम्हारा संरक्षक है और वही सर्वज्ञ, अत्यन्त तत्वदर्शी है
English Sahih:
Allah has already ordained for you [Muslims] the dissolution of your oaths. And Allah is your protector, and He is the Knowing, the Wise. ([66] At-Tahrim : 2)