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ذٰلِكَ بِاَنَّهٗ كَانَتْ تَّأْتِيْهِمْ رُسُلُهُمْ بِالْبَيِّنٰتِ فَقَالُوْٓا اَبَشَرٌ يَّهْدُوْنَنَاۖ فَكَفَرُوْا وَتَوَلَّوْا وَّاسْتَغْنَى اللّٰهُ ۗوَاللّٰهُ غَنِيٌّ حَمِيْدٌ   ( التغابن: ٦ )

That
ذَٰلِكَ
ये
(is) because
بِأَنَّهُۥ
बवजह उसके कि वो
had
كَانَت
थे
come to them
تَّأْتِيهِمْ
आते उनके पास
their Messengers
رُسُلُهُم
रसूल उनके
with clear proofs
بِٱلْبَيِّنَٰتِ
साथ वाज़ेह आयात के
but they said
فَقَالُوٓا۟
तो वो कहते
"Shall human beings
أَبَشَرٌ
क्या इन्सान
guide us?"
يَهْدُونَنَا
रहनुमाई करेंगे हमारी
So they disbelieved
فَكَفَرُوا۟
तो उन्होंने कुफ़्र किया
and turned away
وَتَوَلَّوا۟ۚ
और वो मुँह मोड़ गए
And can do without them
وَّٱسْتَغْنَى
और परवाह ना की
Allah
ٱللَّهُۚ
अल्लाह ने
And Allah
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
(is) Self-sufficient
غَنِىٌّ
बहुत बेनियाज़ है
Praiseworthy
حَمِيدٌ
ख़ूब तारीफ़ वाला है

Thalika biannahu kanat tateehim rusuluhum bialbayyinati faqaloo abasharun yahdoonana fakafaroo watawallaw waistaghna Allahu waAllahu ghaniyyun hameedun (at-Taghābun 64:6)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

यह इस कारण कि उनके पास उनके रसूल स्पष्ट प्रमाण लेकर आते रहे, किन्तु उन्होंने कहा, 'क्या मनुष्य हमें मार्ग दिखाएँगे?' इस प्रकार उन्होंने इनकार किया और मुँह फेर लिया, तब अल्लाह भी उनसे बेपरवाह हो गया। अल्लाह तो है ही निस्पृह, अपने आप में स्वयं प्रशंसित

English Sahih:

That is because their messengers used to come to them with clear evidences, but they said, "Shall human beings guide us?" and disbelieved and turned away. And Allah dispensed [with them]; and Allah is Free of need and Praiseworthy. ([64] At-Taghabun : 6)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ये इस वजह से कि उनके पास पैग़म्बर वाज़ेए व रौशन मौजिज़े लेकर आ चुके थे तो कहने लगे कि क्या आदमी हमारे हादी बनेंगें ग़रज़ ये लोग काफ़िर हो बैठे और मुँह फेर बैठे और ख़ुदा ने भी (उनकी) परवाह न की और ख़ुदा तो बे परवा सज़ावारे हम्द है