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يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوْٓا اِنَّ مِنْ اَزْوَاجِكُمْ وَاَوْلَادِكُمْ عَدُوًّا لَّكُمْ فَاحْذَرُوْهُمْۚ وَاِنْ تَعْفُوْا وَتَصْفَحُوْا وَتَغْفِرُوْا فَاِنَّ اللّٰهَ غَفُوْرٌ رَّحِيْمٌ   ( التغابن: ١٤ )

O!
يَٰٓأَيُّهَا
ऐ लोगो जो
(you) who!
ٱلَّذِينَ
ऐ लोगो जो
believe!
ءَامَنُوٓا۟
ईमान लाए हो
Indeed
إِنَّ
बेशक
from
مِنْ
तुम्हारी बीवियों में से
your spouses
أَزْوَٰجِكُمْ
तुम्हारी बीवियों में से
and your children
وَأَوْلَٰدِكُمْ
और तुम्हारी औलाद में से
(are) enemies
عَدُوًّا
दुश्मन हैं
to you
لَّكُمْ
तुम्हारे
so beware of them
فَٱحْذَرُوهُمْۚ
पस मोहतात रहो उनसे
But if
وَإِن
और अगर
you pardon
تَعْفُوا۟
तुम माफ़ कर दो
and overlook
وَتَصْفَحُوا۟
और तुम दरगुज़र करो
and forgive
وَتَغْفِرُوا۟
और तुम बख़्श दो
then indeed
فَإِنَّ
तो बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
(is) Oft-Forgiving
غَفُورٌ
बहुत बख़्शने वाला है
Most Merciful
رَّحِيمٌ
निहायत रहम करने वाला है

Ya ayyuha allatheena amanoo inna min azwajikum waawladikum 'aduwwan lakum faihtharoohum wain ta'foo watasfahoo wataghfiroo fainna Allaha ghafoorun raheemun (at-Taghābun 64:14)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

ऐ ईमान लानेवालो, तुम्हारी पत्नियों और तुम्हारी सन्तान में से कुछ ऐसे भी है जो तुम्हारे शत्रु है। अतः उनसे होशियार रहो। और यदि तुम माफ़ कर दो और टाल जाओ और क्षमा कर दो निश्चय ही अल्लाह बड़ा क्षमाशील, अत्यन्त दयावान है

English Sahih:

O you who have believed, indeed, among your spouses and your children are enemies to you, so beware of them. But if you pardon and overlook and forgive – then indeed, Allah is Forgiving and Merciful. ([64] At-Taghabun : 14)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ऐ ईमानदारों तुम्हारी बीवियों और तुम्हारी औलाद में से बाज़ तुम्हारे दुशमन हैं तो तुम उनसे बचे रहो और अगर तुम माफ कर दो दरगुज़र करो और बख्श दो तो ख़ुदा बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है