يُسَبِّحُ لِلّٰهِ مَا فِى السَّمٰوٰتِ وَمَا فِى الْاَرْضِۗ لَهُ الْمُلْكُ وَلَهُ الْحَمْدُۖ وَهُوَ عَلٰى كُلِّ شَيْءٍ قَدِيْرٌ ( التغابن: ١ )
Glorifies
يُسَبِّحُ
तस्बीह करती है
[to] Allah
لِلَّهِ
अल्लाह के लिए
whatever
مَا
हर वो चीज़ जो
(is) in
فِى
आसमानों में है
the heavens
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों में है
and whatever
وَمَا
और जो
(is) in
فِى
ज़मीन में है
the earth
ٱلْأَرْضِۖ
ज़मीन में है
For Him
لَهُ
उसी के लिए है
(is the) dominion
ٱلْمُلْكُ
बादशाहत
and for Him
وَلَهُ
और उसी के लिए है
(is) the praise
ٱلْحَمْدُۖ
सब तारीफ़
And He
وَهُوَ
और वो
(is) on
عَلَىٰ
ऊपर
every
كُلِّ
हर
thing
شَىْءٍ
चीज़ के
All-powerful
قَدِيرٌ
ख़ूब क़ुदरत रखन वाला है
Yusabbihu lillahi ma fee alssamawati wama fee alardi lahu almulku walahu alhamdu wahuwa 'ala kulli shayin qadeerun (at-Taghābun 64:1)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
अल्लाह की तसबीह कर रही है हर वह चीज़ जो आकाशों में है और जो धरती में है। उसी की बादशाही है और उसी के लिए प्रशंसा है और उसे हर चीज़ की सामर्थ्य प्राप्त है
English Sahih:
Whatever is in the heavens and whatever is on the earth is exalting Allah. To Him belongs dominion, and to Him belongs [all] praise, and He is over all things competent. ([64] At-Taghabun : 1)