وَلَنْ يُّؤَخِّرَ اللّٰهُ نَفْسًا اِذَا جَاۤءَ اَجَلُهَاۗ وَاللّٰهُ خَبِيْرٌۢ بِمَا تَعْمَلُوْنَ ࣖ ( المنافقون: ١١ )
But never
وَلَن
और हरगिज़ ना
will (be) delayed
يُؤَخِّرَ
मोहलत देगा
(by) Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह
a soul
نَفْسًا
किसी नफ़्स को
when
إِذَا
जब
has come
جَآءَ
आ जाऐगी
its term
أَجَلُهَاۚ
मौत उसकी
And Allah
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
(is) All-Aware
خَبِيرٌۢ
ख़ूब ख़बर रखने वाला है
of what
بِمَا
उसकी जो
you do
تَعْمَلُونَ
तुम अमल करते हो
Walan yuakhkhira Allahu nafsan itha jaa ajaluha waAllahu khabeerun bima ta'maloona (al-Munāfiq̈ūn 63:11)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
किन्तु अल्लाह, किसी व्यक्ति को जब तक उसका नियत समय आ जाता है, कदापि मुहलत नहीं देता। और जो कुछ तुम करते हो अल्लाह उसकी पूरी ख़बर रखता है
English Sahih:
But never will Allah delay a soul when its time has come. And Allah is Aware of what you do. ([63] Al-Munafiqun : 11)