يُسَبِّحُ لِلّٰهِ مَا فِى السَّمٰوٰتِ وَمَا فِى الْاَرْضِ الْمَلِكِ الْقُدُّوْسِ الْعَزِيْزِ الْحَكِيْمِ ( الجمعة: ١ )
Glorifies
يُسَبِّحُ
तस्बीह करती है
Allah
لِلَّهِ
अल्लाह के लिए
whatever
مَا
हर वो चीज़ जो
(is) in
فِى
आसमानों में है
the heavens
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों में है
and whatever
وَمَا
और जो
(is) in
فِى
ज़मीन में है
the earth
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में है
the Sovereign
ٱلْمَلِكِ
जो बादशाह है
the Holy
ٱلْقُدُّوسِ
निहायत पाकीज़ा है
the All-Mighty
ٱلْعَزِيزِ
बहुत ज़बरदस्त है
the All-Wise
ٱلْحَكِيمِ
ख़ूब हिकमत वाला है
Yusabbihu lillahi ma fee alssamawati wama fee alardi almaliki alquddoosi al'azeezi alhakeemi (al-Jumuʿah 62:1)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
अल्लाह की तसबीह कर रही है हर वह चीज़ जो आकाशों में है और जो धरती में है, जो सम्राट है, अत्यन्त पवित्र, प्रभुत्वशाली तत्वदर्शी
English Sahih:
Whatever is in the heavens and whatever is on the earth is exalting Allah, the Sovereign, the Pure, the Exalted in Might, the Wise. ([62] Al-Jumu'ah : 1)