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هُوَ الَّذِيْٓ اَرْسَلَ رَسُوْلَهٗ بِالْهُدٰى وَدِيْنِ الْحَقِّ لِيُظْهِرَهٗ عَلَى الدِّيْنِ كُلِّهٖۙ وَلَوْ كَرِهَ الْمُشْرِكُوْنَ ࣖ   ( الصف: ٩ )

He
هُوَ
वो ही है
(is) the One Who
ٱلَّذِىٓ
जिसने
sent
أَرْسَلَ
भेजा
His Messenger
رَسُولَهُۥ
अपने रसूल को
with guidance
بِٱلْهُدَىٰ
साथ हिदायत के
and (the) religion
وَدِينِ
और दीने
(of) the truth
ٱلْحَقِّ
हक़ के
to make it prevail
لِيُظْهِرَهُۥ
ताकि वो ग़ालिब कर दे उसे
over
عَلَى
ऊपर दीनों के
the religion
ٱلدِّينِ
ऊपर दीनों के
all of them
كُلِّهِۦ
सब के सब
although
وَلَوْ
और अगरचे
dislike (it)
كَرِهَ
नापसंद करें
the polytheists
ٱلْمُشْرِكُونَ
मुशरिक

Huwa allathee arsala rasoolahu bialhuda wadeeni alhaqqi liyuthhirahu 'ala alddeeni kullihi walaw kariha almushrikoona (aṣ-Ṣaff 61:9)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

वही है जिसने अपने रसूल को मार्गदर्शन और सत्यधर्म के साथ भेजा, ताकि उसे पूरे के पूरे धर्म पर प्रभुत्व प्रदान कर दे, यद्यपि बहुदेवादियों को अप्रिय ही लगे

English Sahih:

It is He who sent His Messenger with guidance and the religion of truth to manifest it over all religion, although those who associate others with Allah dislike it. ([61] As-Saf : 9)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

वह वही है जिसने अपने रसूल को हिदायत और सच्चे दीन के साथ भेजा ताकि उसे और तमाम दीनों पर ग़ालिब करे अगरचे मुशरेकीन बुरा ही (क्यों न) माने