وَكَيْفَ اَخَافُ مَآ اَشْرَكْتُمْ وَلَا تَخَافُوْنَ اَنَّكُمْ اَشْرَكْتُمْ بِاللّٰهِ مَا لَمْ يُنَزِّلْ بِهٖ عَلَيْكُمْ سُلْطٰنًا ۗفَاَيُّ الْفَرِيْقَيْنِ اَحَقُّ بِالْاَمْنِۚ اِنْ كُنْتُمْ تَعْلَمُوْنَۘ ( الأنعام: ٨١ )
Wakayfa akhafu ma ashraktum wala takhafoona annakum ashraktum biAllahi ma lam yunazzil bihi 'alaykum sultanan faayyu alfareeqayni ahaqqu bialamni in kuntum ta'lamoona (al-ʾAnʿām 6:81)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
'और मैं तुम्हारे ठहराए हुए साझीदारो से कैसे डरूँ, जबकि तुम इस बात से नहीं डरते कि तुमने उसे अल्लाह का सहभागी उस चीज़ को ठहराया है, जिसका उसने तुमपर कोई प्रमाण अवतरित नहीं किया? अब दोनों फ़रीकों में से कौन अधिक निश्चिन्त रहने का अधिकारी है? बताओ यदि तुम जानते हो
English Sahih:
And how should I fear what you associate while you do not fear that you have associated with Allah that for which He has not sent down to you any authority? So which of the two parties has more right to security, if you should know?" ([6] Al-An'am : 81)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और जिन्हें तुम ख़ुदा का शरीक बताते हो मै उन से क्यों डरुँ जब तुम इस बात से नहीं डरते कि तुमने ख़ुदा का शरीक ऐसी चीज़ों को बनाया है जिनकी ख़ुदा ने कोई सनद तुम पर नहीं नाज़िल की फिर अगर तुम जानते हो तो (भला बताओ तो सही कि) हम दोनों फरीक़ (गिरोह) में अमन क़ायम रखने का ज्यादा हक़दार कौन है