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فَلَمَّا رَاَ الشَّمْسَ بَازِغَةً قَالَ هٰذَا رَبِّيْ هٰذَآ اَكْبَرُۚ فَلَمَّآ اَفَلَتْ قَالَ يٰقَوْمِ اِنِّيْ بَرِيْۤءٌ مِّمَّا تُشْرِكُوْنَ   ( الأنعام: ٧٨ )

When
فَلَمَّا
फिर जब
he saw
رَءَا
उसने देखा
the sun
ٱلشَّمْسَ
सूरज को
rising
بَازِغَةً
चमकता हुआ
he said
قَالَ
कहा
"This (is)
هَٰذَا
ये
my Lord
رَبِّى
मेरा रब है
this (is)
هَٰذَآ
ये
greater"
أَكْبَرُۖ
सबसे बड़ा है
But when
فَلَمَّآ
फिर जब
it set
أَفَلَتْ
वो छुप गया
he said
قَالَ
उसने कहा
"O my people!
يَٰقَوْمِ
ऐ मेरी क़ौम
Indeed I am
إِنِّى
बेशक मैं
free
بَرِىٓءٌ
बरी-उज़-ज़िम्मा हूँ
of what
مِّمَّا
उससे जो
you associate (with Allah)"
تُشْرِكُونَ
तुम शरीक ठहराते हो

Falamma raa alshshamsa bazighatan qala hatha rabbee hatha akbaru falamma afalat qala ya qawmi innee bareeon mimma tushrikoona (al-ʾAnʿām 6:78)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

फिर जब उसने सूर्य को चमकता हुआ देखा, तो कहा, 'इसे मेरा रब ठहराते हो! यह तो बहुत बड़ा है।' फिर जब वह भी छिप गया, तो कहा, 'ऐ मेरी क़ौन के लोगो! मैं विरक्त हूँ उनसे जिनको तुम साझी ठहराते हो

English Sahih:

And when he saw the sun rising, he said, "This is my lord; this is greater." But when it set, he said, "O my people, indeed I am free from what you associate with Allah. ([6] Al-An'am : 78)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

फिर जब आफताब को दमकता हुआ देखा तो कहने लगे (क्या) यही मेरा ख़ुदा है ये तो सबसे बड़ा (भी) है फिर जब ये भी ग़ुरुब हो गया तो कहने लगे ऐ मेरी क़ौम जिन जिन चीज़ों को तुम लोग (ख़ुदा का) शरीक बनाते हो उनसे मैं बेज़ार हूँ