وَهُوَ الَّذِيْ خَلَقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ بِالْحَقِّۗ وَيَوْمَ يَقُوْلُ كُنْ فَيَكُوْنُۚ قَوْلُهُ الْحَقُّۗ وَلَهُ الْمُلْكُ يَوْمَ يُنْفَخُ فِى الصُّوْرِۗ عٰلِمُ الْغَيْبِ وَالشَّهَادَةِ وَهُوَ الْحَكِيْمُ الْخَبِيْرُ ( الأنعام: ٧٣ )
Wahuwa allathee khalaqa alssamawati waalarda bialhaqqi wayawma yaqoolu kun fayakoonu qawluhu alhaqqu walahu almulku yawma yunfakhu fee alssoori 'alimu alghaybi waalshshahadati wahuwa alhakeemu alkhabeeru (al-ʾAnʿām 6:73)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
'और वही है जिसने आकाशों और धरती को हक़ के साथ पैदा किया। और जिस समय वह किसी चीज़ को कहे, 'हो जा', तो वह उसी समय वह हो जाती है। उसकी बात सर्वथा सत्य है और जिस दिन 'सूर' (नरसिंघा) में फूँक मारी जाएगी, राज्य उसी का होगा। वह सभी छिपी और खुली चीज़ का जाननेवाला है, और वही तत्वदर्शी, ख़बर रखनेवाला है।'
English Sahih:
And it is He who created the heavens and earth in truth. And the day [i.e., whenever] He says, "Be," and it is, His word is the truth. And His is the dominion [on] the Day the Horn is blown. [He is] Knower of the unseen and the witnessed; and He is the Wise, the Aware. ([6] Al-An'am : 73)