وَلَوْ نَزَّلْنَا عَلَيْكَ كِتٰبًا فِيْ قِرْطَاسٍ فَلَمَسُوْهُ بِاَيْدِيْهِمْ لَقَالَ الَّذِيْنَ كَفَرُوْٓا اِنْ هٰذَآ اِلَّا سِحْرٌ مُّبِيْنٌ ( الأنعام: ٧ )
And (even) if
وَلَوْ
और अगर
We (had) sent down
نَزَّلْنَا
नाज़िल करते हम
to you
عَلَيْكَ
आप पर
a written Scripture
كِتَٰبًا
एक किताब
in
فِى
काग़ज़ में
a parchment
قِرْطَاسٍ
काग़ज़ में
and they touched it
فَلَمَسُوهُ
फिर वो छू लेते उसे
with their hands
بِأَيْدِيهِمْ
अपने हाथों से
surely (would) have said
لَقَالَ
अलबत्ता कहते
those who
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
disbelieved
كَفَرُوٓا۟
कुफ़्र किया
"Not
إِنْ
नहीं है
"(is) this
هَٰذَآ
ये
but
إِلَّا
मगर
magic"
سِحْرٌ
जादू
clear"
مُّبِينٌ
खुल्लम-खुल्ला/वाज़ेह
Walaw nazzalna 'alayka kitaban fee qirtasin falamasoohu biaydeehim laqala allatheena kafaroo in hatha illa sihrun mubeenun (al-ʾAnʿām 6:7)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और यदि हम तुम्हारे ऊपर काग़ज़ में लिखी-लिखाई किताब भी उतार देते और उसे लोग अपने हाथों से छू भी लेते तब भी, जिन्होंने इनकार किया है, वे यही कहते, 'यह तो बस एक खुला जादू हैं।'
English Sahih:
And even if We had sent down to you, [O Muhammad], a written scripture on a page and they touched it with their hands, the disbelievers would say, "This is not but obvious magic." ([6] Al-An'am : 7)