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وَاِذَا رَاَيْتَ الَّذِيْنَ يَخُوْضُوْنَ فِيْٓ اٰيٰتِنَا فَاَعْرِضْ عَنْهُمْ حَتّٰى يَخُوْضُوْا فِيْ حَدِيْثٍ غَيْرِهٖۗ وَاِمَّا يُنْسِيَنَّكَ الشَّيْطٰنُ فَلَا تَقْعُدْ بَعْدَ الذِّكْرٰى مَعَ الْقَوْمِ الظّٰلِمِيْنَ   ( الأنعام: ٦٨ )

And when
وَإِذَا
और जब
you see
رَأَيْتَ
देखें आप
those who
ٱلَّذِينَ
उन लोगों को
engage (in vain talks)
يَخُوضُونَ
जो मशग़ूल होते हैं
about
فِىٓ
हमारी आयात में
Our Verses
ءَايَٰتِنَا
हमारी आयात में
then turn away
فَأَعْرِضْ
तो ऐराज़ कीजिए
from them
عَنْهُمْ
उनसे
until
حَتَّىٰ
यहाँ तक कि
they engage
يَخُوضُوا۟
वो मशग़ूल हो जाऐं
in
فِى
किसी बात में
a talk
حَدِيثٍ
किसी बात में
other than it
غَيْرِهِۦۚ
सिवाय उसके
And if
وَإِمَّا
और अगर
causes you to forget
يُنسِيَنَّكَ
भुला दे आपको
the Shaitaan
ٱلشَّيْطَٰنُ
शैतान
then (do) not
فَلَا
तो ना
sit
تَقْعُدْ
आप बैठिए
after
بَعْدَ
बाद
the reminder
ٱلذِّكْرَىٰ
याद आने के
with
مَعَ
साथ उन लोगों के
the people -
ٱلْقَوْمِ
साथ उन लोगों के
the wrongdoers
ٱلظَّٰلِمِينَ
जो ज़ालिम हैं

Waitha raayta allatheena yakhoodoona fee ayatina faa'rid 'anhum hatta yakhoodoo fee hadeethin ghayrihi waimma yunsiyannaka alshshaytanu fala taq'ud ba'da alththikra ma'a alqawmi alththalimeena (al-ʾAnʿām 6:68)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और जब तुम उन लोगों को देखो, जो हमारी आयतों पर नुक्ताचीनी करने में लगे हुए है, तो उनसे मुँह फेर लो, ताकि वे किसी दूसरी बात में लग जाएँ। और यदि कभी शैतान तुम्हें भुलावे में डाल दे, तो याद आ जाने के बाद उन अत्याचारियों के पास न बैठो

English Sahih:

And when you see those who engage in [offensive] discourse concerning Our verses, then turn away from them until they enter into another conversation. And if Satan should cause you to forget, then do not remain after the reminder with the wrongdoing people. ([6] Al-An'am : 68)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और ऐसे लोगों (के हिसाब किताब) का जवाब देही कुछ परहेज़गारो पर तो है नहीं मगर (सिर्फ नसीहतन) याद दिलाना (चाहिए) ताकि ये लोग भी परहेज़गार बनें