۞ وَعِنْدَهٗ مَفَاتِحُ الْغَيْبِ لَا يَعْلَمُهَآ اِلَّا هُوَۗ وَيَعْلَمُ مَا فِى الْبَرِّ وَالْبَحْرِۗ وَمَا تَسْقُطُ مِنْ وَّرَقَةٍ اِلَّا يَعْلَمُهَا وَلَا حَبَّةٍ فِيْ ظُلُمٰتِ الْاَرْضِ وَلَا رَطْبٍ وَّلَا يَابِسٍ اِلَّا فِيْ كِتٰبٍ مُّبِيْنٍ ( الأنعام: ٥٩ )
Wa'indahu mafatihu alghaybi la ya'lamuha illa huwa waya'lamu ma fee albarri waalbahri wama tasqutu min waraqatin illa ya'lamuha wala habbatin fee thulumati alardi wala ratbin wala yabisin illa fee kitabin mubeenin (al-ʾAnʿām 6:59)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
उसी के पास परोक्ष की कुंजियाँ है, जिन्हें उसके सिवा कोई नहीं जानता। जल और थल में जो कुछ है, उसे वह जानता है। और जो पत्ता भी गिरता है, उसे वह निश्चय ही जानता है। और धरती के अँधेरों में कोई दाना हो और कोई भी आर्द्र (गीली) और शुष्क (सूखी) चीज़ हो, निश्चय ही एक स्पष्ट किताब में मौजूद है
English Sahih:
And with Him are the keys of the unseen; none knows them except Him. And He knows what is on the land and in the sea. Not a leaf falls but that He knows it. And no grain is there within the darknesses of the earth and no moist or dry [thing] but that it is [written] in a clear record. ([6] Al-An'am : 59)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और उसके पास ग़ैब की कुन्जियॉ हैं जिनको उसके सिवा कोई नही जानता और जो कुछ ख़ुशकी और तरी में है उसको (भी) वही जानता है और कोई पत्ता भी नहीं खटकता मगर वह उसे ज़रुर जानता है और ज़मीन की तारिक़ियों में कोई दाना और न कोई ख़ुश्क चीज़ है मगर वह नूरानी किताब (लौहे महफूज़) में मौजूद है