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وَلَا تَطْرُدِ الَّذِيْنَ يَدْعُوْنَ رَبَّهُمْ بِالْغَدٰوةِ وَالْعَشِيِّ يُرِيْدُوْنَ وَجْهَهٗ ۗمَا عَلَيْكَ مِنْ حِسَابِهِمْ مِّنْ شَيْءٍ وَّمَا مِنْ حِسَابِكَ عَلَيْهِمْ مِّنْ شَيْءٍ فَتَطْرُدَهُمْ فَتَكُوْنَ مِنَ الظّٰلِمِيْنَ   ( الأنعام: ٥٢ )

And (do) not
وَلَا
और ना
send away
تَطْرُدِ
आप दूर कीजिए
those who
ٱلَّذِينَ
उनको जो
call
يَدْعُونَ
पुकारते हैं
their Lord
رَبَّهُم
अपने रब को
in the morning
بِٱلْغَدَوٰةِ
सुबह
and the evening
وَٱلْعَشِىِّ
और शाम
desiring
يُرِيدُونَ
वो चाहते हैं
His Countenance
وَجْهَهُۥۖ
चेहरा उसका
Not
مَا
नहीं
(is) on you
عَلَيْكَ
आप पर
of
مِنْ
उनके हिसाब में से
their account
حِسَابِهِم
उनके हिसाब में से
[of]
مِّن
कोई चीज़
anything
شَىْءٍ
कोई चीज़
and not
وَمَا
और नहीं
from
مِنْ
आपके हिसाब में से
your account
حِسَابِكَ
आपके हिसाब में से
on them
عَلَيْهِم
उन पर
[of]
مِّن
कोई चीज़
anything
شَىْءٍ
कोई चीज़
So were you to send them away
فَتَطْرُدَهُمْ
फिर (अगर) आप दूर करेंगे उन्हें
then you would be
فَتَكُونَ
तो आप हो जाऐंगे
of
مِنَ
ज़ालिमों में से
the wrongdoers
ٱلظَّٰلِمِينَ
ज़ालिमों में से

Wala tatrudi allatheena yad'oona rabbahum bialghadati waal'ashiyyi yureedoona wajhahu ma 'alayka min hisabihim min shayin wama min hisabika 'alayhim min shayin fatatrudahum fatakoona mina alththalimeena (al-ʾAnʿām 6:52)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और जो लोग अपने रब को उसकी ख़ुशी की चाह में प्रातः और सायंकाल पुकारते रहते है, ऐसे लोगों को दूर न करना। उनके हिसाब की तुमपर कुछ भी ज़िम्मेदारी नहीं है और न तुम्हारे हिसाब की उनपर कोई ज़िम्मेदारी है कि तुम उन्हें दूर करो और फिर हो जाओ अत्याचारियों में से

English Sahih:

And do not send away those who call upon their Lord morning and afternoon, seeking His face [i.e., favor]. Not upon you is anything of their account and not upon them is anything of your account. So were you to send them away, you would [then] be of the wrongdoers. ([6] Al-An'am : 52)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और (ऐ रसूल) जो लोग सुबह व शाम अपने परवरदिगार से उसकी ख़ुशनूदी की तमन्ना में दुऑए मॉगा करते हैं- उनको अपने पास से न धुत्कारो-न उनके (हिसाब किताब की) जवाब देही कुछ उनके ज़िम्मे है ताकि तुम उन्हें (इस ख्याल से) धुत्कार बताओ तो तुम ज़ालिम (के शुमार) में हो जाओगे