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وَالَّذِيْنَ كَذَّبُوْا بِاٰيٰتِنَا يَمَسُّهُمُ الْعَذَابُ بِمَا كَانُوْا يَفْسُقُوْنَ   ( الأنعام: ٤٩ )

And those who
وَٱلَّذِينَ
और वो जिन्होंने
denied
كَذَّبُوا۟
झुठलाया
[in] Our Verses
بِـَٔايَٰتِنَا
हमारी आयात को
will touch them
يَمَسُّهُمُ
छुऐगा उन्हें
the punishment
ٱلْعَذَابُ
अज़ाब
for what
بِمَا
बवजह उसके जो
they used to
كَانُوا۟
थे वो
defiantly disobey
يَفْسُقُونَ
वो नाफ़रमानी करते

Waallatheena kaththaboo biayatina yamassuhumu al'athabu bima kanoo yafsuqoona (al-ʾAnʿām 6:49)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

रहे वे लोग, जिन्होंने हमारी आयतों को झुठलाया, उन्हें यातना पहुँचकर रहेगी, क्योंकि वे अवज्ञा करते रहे है

English Sahih:

But those who deny Our verses – the punishment will touch them for their defiant disobedience. ([6] Al-An'am : 49)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और जिन लोगों ने हमारी आयतों को झुठलाया तो चूंकि बदकारी करते थे (हमारा) अज़ाब उनको पलट जाएगा