بَلْ اِيَّاهُ تَدْعُوْنَ فَيَكْشِفُ مَا تَدْعُوْنَ اِلَيْهِ اِنْ شَاۤءَ وَتَنْسَوْنَ مَا تُشْرِكُوْنَ ࣖ ( الأنعام: ٤١ )
"Nay
بَلْ
बल्कि
Him Alone
إِيَّاهُ
सिर्फ़ उसी को
you call
تَدْعُونَ
तुम पुकारोगे
and He would remove
فَيَكْشِفُ
फिर वो खोल देगा
what
مَا
उसे जो
you call
تَدْعُونَ
तुम पुकारोगे
upon Him
إِلَيْهِ
तरफ़ उसके
if
إِن
अगर
He wills
شَآءَ
वो चाहे
and you will forget
وَتَنسَوْنَ
और तुम भूल जाओगे
what
مَا
जिन्हें
you associate (with Him)"
تُشْرِكُونَ
तुम शरीक ठहराते हो
Bal iyyahu tad'oona fayakshifu ma tad'oona ilayhi in shaa watansawna ma tushrikoona (al-ʾAnʿām 6:41)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
'बल्कि तुम उसी को पुकारते हो - फिर जिसके लिए तुम उसे पुकारते हो, वह चाहता है तो उसे दूर कर देता है - और उन्हें भूल जाते हो जिन्हें साझीदार ठहराते हो।'
English Sahih:
No, it is Him [alone] you would invoke, and He would remove that for which you invoked Him if He willed, and you would forget what you associate [with Him]. ([6] Al-An'am : 41)