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وَمَا تَأْتِيْهِمْ مِّنْ اٰيَةٍ مِّنْ اٰيٰتِ رَبِّهِمْ اِلَّا كَانُوْا عَنْهَا مُعْرِضِيْنَ   ( الأنعام: ٤ )

And not
وَمَا
और नहीं
comes to them
تَأْتِيهِم
आती उनके पास
[of]
مِّنْ
कोई निशानी
any sign
ءَايَةٍ
कोई निशानी
from
مِّنْ
निशानियों में से
(the) Signs
ءَايَٰتِ
निशानियों में से
(of) their Lord
رَبِّهِمْ
उनके रब की
but
إِلَّا
मगर
they are
كَانُوا۟
हैं वो
from it
عَنْهَا
उनसे
turning away
مُعْرِضِينَ
ऐराज़ करने वाले

Wama tateehim min ayatin min ayati rabbihim illa kanoo 'anha mu'rideena (al-ʾAnʿām 6:4)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

हाल यह है कि उनके रब की निशानियों में से कोई निशानी भी उनके पास ऐसी नहीं आई, जिससे उन्होंने मुँह न मोड़ लिया हो

English Sahih:

And no sign comes to them from the signs of their Lord except that they turn away therefrom. ([6] Al-An'am : 4)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और उन (लोगों का) अजब हाल है कि उनके पास ख़ुदा की आयत में से जब कोई आयत आती तो बस ये लोग ज़रुर उससे मुंह फेर लेते थे