هَلْ يَنْظُرُوْنَ اِلَّآ اَنْ تَأْتِيَهُمُ الْمَلٰۤىِٕكَةُ اَوْ يَأْتِيَ رَبُّكَ اَوْ يَأْتِيَ بَعْضُ اٰيٰتِ رَبِّكَ ۗيَوْمَ يَأْتِيْ بَعْضُ اٰيٰتِ رَبِّكَ لَا يَنْفَعُ نَفْسًا اِيْمَانُهَا لَمْ تَكُنْ اٰمَنَتْ مِنْ قَبْلُ اَوْ كَسَبَتْ فِيْٓ اِيْمَانِهَا خَيْرًاۗ قُلِ انْتَظِرُوْٓا اِنَّا مُنْتَظِرُوْنَ ( الأنعام: ١٥٨ )
Hal yanthuroona illa an tatiyahumu almalaikatu aw yatiya rabbuka aw yatiya ba'du ayati rabbika yawma yatee ba'du ayati rabbika la yanfa'u nafsan eemanuha lam takun amanat min qablu aw kasabat fee eemaniha khayran quli intathiroo inna muntathiroona (al-ʾAnʿām 6:158)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
क्या ये लोग केवल इसी की प्रतीक्षा कर रहे है कि उनके पास फ़रिश्ते आ जाएँ या स्वयं तुम्हारा रब की कोई निशानी आ जाएगी, फिर किसी ऐसे व्यक्ति को उसका ईमान कुछ लाभ न पहुँचाएगा जो पहले ईमान न लाया हो या जिसने अपने ईमान में कोई भलाई न कमाई हो। कह दो, ?'तुम भी प्रतीक्षा करो, हम भी प्रतीक्षा करते है।'
English Sahih:
Do they [then] wait for anything except that the angels should come to them or your Lord should come or that there come some of the signs of your Lord? The Day that some of the signs of your Lord will come no soul will benefit from its faith as long as it had not believed before or had earned through its faith some good. Say, "Wait. Indeed, we [also] are waiting." ([6] Al-An'am : 158)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
या तुम्हारा परवरदिगार खुद (तुम्हारे पास) आये या तुम्हारे परवरदिगार की कुछ निशानियाँ आ जाएं (आख़िरकार क्योकर समझाया जाए) हालांकि जिस दिन तुम्हारे परवरदिगार की बाज़ निशानियाँ आ जाएंगी तो जो शख्स पहले से ईमान नहीं लाया होगा या अपने मोमिन होने की हालत में कोई नेक काम नहीं किया होगा तो अब उसका ईमान लाना उसको कुछ भी मुफ़ीद न होगा - (ऐ रसूल) तुम (उनसे) कह दो कि (अच्छा यही सही) तुम (भी) इन्तिज़ार करो हम भी इन्तिज़ार करते हैं