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وَهٰذَا كِتٰبٌ اَنْزَلْنٰهُ مُبٰرَكٌ فَاتَّبِعُوْهُ وَاتَّقُوْا لَعَلَّكُمْ تُرْحَمُوْنَۙ   ( الأنعام: ١٥٥ )

And this
وَهَٰذَا
और ये
(is) a Book
كِتَٰبٌ
किताब
We have revealed it -
أَنزَلْنَٰهُ
नाज़िल किया हमने इसे
blessed
مُبَارَكٌ
बाबरकत है
so follow it
فَٱتَّبِعُوهُ
पस पैरवी करो इसकी
and fear (Allah)
وَٱتَّقُوا۟
और तक़वा इख़्तियार करो
so that you may
لَعَلَّكُمْ
ताकि तुम
receive mercy
تُرْحَمُونَ
तुम रहम किए जाओ

Wahatha kitabun anzalnahu mubarakun faittabi'oohu waittaqoo la'allakum turhamoona (al-ʾAnʿām 6:155)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और यह किताब भी हमने उतारी है, जो बरकतवाली है; तो तुम इसका अनुसरण करो और डर रखो, ताकि तुमपर दया की जाए,

English Sahih:

And this [Quran] is a Book We have revealed [which is] blessed, so follow it and fear Allah that you may receive mercy. ([6] Al-An'am : 155)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और ये किताब (क़ुरान) जिसको हमने (अब नाज़िल किया है क्या है-बरक़त वाली किताब) है तो तुम लोग उसी की पैरवी करो (और ख़ुदा से) डरते रहो ताकि तुम पर रहम किया जाए