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۞ وَلَهٗ مَا سَكَنَ فِى الَّيْلِ وَالنَّهَارِ ۗوَهُوَ السَّمِيْعُ الْعَلِيْمُ   ( الأنعام: ١٣ )

And for Him
وَلَهُۥ
और उसी के लिए है
(is) whatever
مَا
जो
dwells
سَكَنَ
साकिन है (ठहरा हुआ)
in
فِى
रात में
the night
ٱلَّيْلِ
रात में
and the day
وَٱلنَّهَارِۚ
और दिन में
and He
وَهُوَ
और वो
(is) All-Hearing
ٱلسَّمِيعُ
खूब सुनने वाला है
All-Knowing
ٱلْعَلِيمُ
खूब जानने वाला है

Walahu ma sakana fee allayli waalnnahari wahuwa alssamee'u al'aleemu (al-ʾAnʿām 6:13)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

हाँ, उसी का है जो भी रात में ठहरता है और दिन में (गतिशील होता है), और वह सब कुछ सुनता, जानता है

English Sahih:

And to Him belongs that which reposes by night and by day, and He is the Hearing, the Knowing. ([6] Al-An'am : 13)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

हालॉकि (ये नहीं समझते कि) जो कुछ रात को और दिन को (रुए ज़मीन पर) रहता (सहता) है (सब) ख़ास उसी का है और वही (सब की) सुनता (और सब कुछ) जानता है