فَمَنْ يُّرِدِ اللّٰهُ اَنْ يَّهْدِيَهٗ يَشْرَحْ صَدْرَهٗ لِلْاِسْلَامِۚ وَمَنْ يُّرِدْ اَنْ يُّضِلَّهٗ يَجْعَلْ صَدْرَهٗ ضَيِّقًا حَرَجًا كَاَنَّمَا يَصَّعَّدُ فِى السَّمَاۤءِۗ كَذٰلِكَ يَجْعَلُ اللّٰهُ الرِّجْسَ عَلَى الَّذِيْنَ لَا يُؤْمِنُوْنَ ( الأنعام: ١٢٥ )
Faman yuridi Allahu an yahdiyahu yashrah sadrahu lilislami waman yurid an yudillahu yaj'al sadrahu dayyiqan harajan kaannama yassa''adu fee alssamai kathalika yaj'alu Allahu alrrijsa 'ala allatheena la yuminoona (al-ʾAnʿām 6:125)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
अतः (वास्तविकता यह है कि) जिसे अल्लाह सीधे मार्ग पर लाना चाहता है, उसका सीना इस्लाम के लिए खोल देता है। और जिसे गुमराही में पड़ा रहने देता चाहता है, उसके सीने को तंग और भिंचा हुआ कर देता है; मानो वह आकाश में चढ़ रहा है। इस तरह अल्लाह उन लोगों पर गन्दगी डाल देता है, जो ईमान नहीं लाते
English Sahih:
So whoever Allah wants to guide – He expands his breast to [contain] IsLam; and whoever He wants to send astray – He makes his breast tight and constricted as though he were climbing into the sky. Thus does Allah place defilement upon those who do not believe. ([6] Al-An'am : 125)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
तो ख़ुदा जिस शख़्श को राह रास्त दिखाना चाहता है उसके सीने को इस्लाम (की दौलियत) के वास्ते (साफ़ और) कुशादा (चौड़ा) कर देता है और जिसको गुमराही की हालत में छोड़ना चाहता है उनके सीने को तंग दुश्वार ग़ुबार कर देता है गोया (कुबूल ईमान) उसके लिए आसमान पर चढ़ना है जो लोग ईमान नहीं लाते ख़ुदा उन पर बुराई को उसी तरह मुसल्लत कर देता है