وَاِنْ تُطِعْ اَكْثَرَ مَنْ فِى الْاَرْضِ يُضِلُّوْكَ عَنْ سَبِيْلِ اللّٰهِ ۗاِنْ يَّتَّبِعُوْنَ اِلَّا الظَّنَّ وَاِنْ هُمْ اِلَّا يَخْرُصُوْنَ ( الأنعام: ١١٦ )
And if
وَإِن
और अगर
you obey
تُطِعْ
आप इताअत करें
most
أَكْثَرَ
अक्सरियत की
of
مَن
जो
(those) in
فِى
ज़मीन में है
the earth
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में है
they will mislead you
يُضِلُّوكَ
वो भटका देंगे आपको
from
عَن
अल्लाह के रास्ते से
(the) way
سَبِيلِ
अल्लाह के रास्ते से
(of) Allah
ٱللَّهِۚ
अल्लाह के रास्ते से
Not
إِن
नहीं
they follow
يَتَّبِعُونَ
वो पैरवी करते
except
إِلَّا
मगर
[the] assumption
ٱلظَّنَّ
गुमान की
and not
وَإِنْ
और नहीं
they (do)
هُمْ
वो
except
إِلَّا
मगर
guess
يَخْرُصُونَ
वो क़यास आराइयाँ करते हैं
Wain tuti' akthara man fee alardi yudillooka 'an sabeeli Allahi in yattabi'oona illa alththanna wain hum illa yakhrusoona (al-ʾAnʿām 6:116)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और धरती में अधिकतर लोग ऐसे है, यदि तुम उनके कहने पर चले तो वे अल्लाह के मार्ग से तुम्हें भटका देंगे। वे तो केवल अटकल के पीछे चलते है और वे निरे अटकल ही दौड़ाते है
English Sahih:
And if you obey most of those upon the earth, they will mislead you from the way of Allah. They follow not except assumption, and they are not but misjudging. ([6] Al-An'am : 116)