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وَلِتَصْغٰٓى اِلَيْهِ اَفْـِٕدَةُ الَّذِيْنَ لَا يُؤْمِنُوْنَ بِالْاٰخِرَةِ وَلِيَرْضَوْهُ وَلِيَقْتَرِفُوْا مَا هُمْ مُّقْتَرِفُوْنَ   ( الأنعام: ١١٣ )

And so that incline
وَلِتَصْغَىٰٓ
और ताकि माइल हों
to it
إِلَيْهِ
तरफ़ उसके
hearts
أَفْـِٔدَةُ
दिल
(of) those who
ٱلَّذِينَ
उनके जो
(do) not
لَا
नहीं वो ईमान लाते
believe
يُؤْمِنُونَ
नहीं वो ईमान लाते
in the Hereafter
بِٱلْءَاخِرَةِ
आख़िरत पर
and so that they may be pleased with it
وَلِيَرْضَوْهُ
और ताकि वो राज़ी हों उससे
and so that they may commit
وَلِيَقْتَرِفُوا۟
और ताकि वो कमाई करें
what
مَا
जो
they
هُم
वो
(are) committing
مُّقْتَرِفُونَ
कमाई करने वाले हैं

Walitasgha ilayhi afidatu allatheena la yuminoona bialakhirati waliyardawhu waliyaqtarifoo ma hum muqtarifoona (al-ʾAnʿām 6:113)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और ताकि जो लोग परलोक को नहीं मानते, उनके दिल उसकी ओर झुकें और ताकि वे उसे पसन्द कर लें, और ताकि जो कमाई उन्हें करनी है कर लें

English Sahih:

And [it is] so the hearts of those who disbelieve in the Hereafter will incline toward it [i.e., deceptive speech] and that they will be satisfied with it and that they will commit that which they are committing. ([6] Al-An'am : 113)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

तो उनको और उनकी इफ़तेरा परदाज़ियों को छोड़ दो और ये (ये सरग़ोशियाँ इसलिए थीं) ताकि जो लोग आख़िरत पर ईमान नहीं लाए उनके दिल उन (की शरारत) की तरफ मायल (ख्ािंच) हो जाएँ और उन्हें पसन्द करें