قَدْ جَاۤءَكُمْ بَصَاۤىِٕرُ مِنْ رَّبِّكُمْۚ فَمَنْ اَبْصَرَ فَلِنَفْسِهٖۚ وَمَنْ عَمِيَ فَعَلَيْهَاۗ وَمَآ اَنَا۠ عَلَيْكُمْ بِحَفِيْظٍ ( الأنعام: ١٠٤ )
Verily
قَدْ
तहक़ीक़
has come to you
جَآءَكُم
आ गईं तुम्हारे पास
enlightenment
بَصَآئِرُ
खुली दलीलें
from
مِن
तुम्हारे रब की तरफ़ से
your Lord
رَّبِّكُمْۖ
तुम्हारे रब की तरफ़ से
Then whoever
فَمَنْ
तो जिसने
sees
أَبْصَرَ
देख लिया
then (it is) for his soul
فَلِنَفْسِهِۦۖ
तो उसके अपने लिए है
and whoever
وَمَنْ
और जो
(is) blind
عَمِىَ
अँधा हुआ
then (it is) against himself
فَعَلَيْهَاۚ
तो उसी पर है
And not
وَمَآ
और नहीं
(am) I
أَنَا۠
मैं
over you
عَلَيْكُم
तुम पर
a guardian
بِحَفِيظٍ
कोई निगरान
Qad jaakum basairu min rabbikum faman absara falinafsihi waman 'amiya fa'alayha wama ana 'alaykum bihafeethin (al-ʾAnʿām 6:104)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
तुम्हारे पास तुम्हारे रब की ओर से आँख खोल देनेवाले प्रमाण आ चुके है; तो जिस किसी ने देखा, अपना ही भला किया और जो अंधा बना रहा, तो वह अपने ही को हानि पहुँचाएगा। और मैं तुमपर कोई नियुक्त रखवाला नहीं हूँ
English Sahih:
There has come to you enlightenment from your Lord. So whoever will see does so for [the benefit of] his soul, and whoever is blind [does harm] against it. And [say], "I am not a guardian over you." ([6] Al-An'am : 104)