اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ الَّذِيْ خَلَقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ وَجَعَلَ الظُّلُمٰتِ وَالنُّوْرَ ەۗ ثُمَّ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا بِرَبِّهِمْ يَعْدِلُوْنَ ( الأنعام: ١ )
(All) the praises and thanks
ٱلْحَمْدُ
सब तारीफ़
(be) to Allah
لِلَّهِ
अल्लाह के लिए है
the One Who
ٱلَّذِى
वो जिसने
created
خَلَقَ
पैदा किया
the heavens
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों
and the earth
وَٱلْأَرْضَ
और ज़मीन को
and made
وَجَعَلَ
और उसने बनाया
the darkness[es]
ٱلظُّلُمَٰتِ
अँधेरों
and the light
وَٱلنُّورَۖ
और रोशनी को
Then
ثُمَّ
फिर
those who
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
disbelieved
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
in their Lord
بِرَبِّهِمْ
साथ अपने रब के
equate others with Him
يَعْدِلُونَ
वो बराबर क़रार देते हैं
Alhamdu lillahi allathee khalaqa alssamawati waalarda waja'ala alththulumati waalnnoora thumma allatheena kafaroo birabbihim ya'diloona (al-ʾAnʿām 6:1)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
प्रशंसा अल्लाह के लिए है, जिसने आकाशों और धरती को पैदा किया और अँधरों और उजाले का विधान किया; फिर भी इनकार करनेवाले लोग दूसरों को अपने रब के समकक्ष ठहराते है
English Sahih:
[All] praise is [due] to Allah, who created the heavens and the earth and made the darkness and the light. Then those who disbelieve equate [others] with their Lord. ([6] Al-An'am : 1)