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bismillah

ٱلْحَمْدُ
सब तारीफ़
لِلَّهِ
अल्लाह के लिए है
ٱلَّذِى
वो जिसने
خَلَقَ
पैदा किया
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों
وَٱلْأَرْضَ
और ज़मीन को
وَجَعَلَ
और उसने बनाया
ٱلظُّلُمَٰتِ
अँधेरों
وَٱلنُّورَۖ
और रोशनी को
ثُمَّ
फिर
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
بِرَبِّهِمْ
साथ अपने रब के
يَعْدِلُونَ
वो बराबर क़रार देते हैं

Alhamdu lillahi allathee khalaqa alssamawati waalarda waja'ala alththulumati waalnnoora thumma allatheena kafaroo birabbihim ya'diloona

प्रशंसा अल्लाह के लिए है, जिसने आकाशों और धरती को पैदा किया और अँधरों और उजाले का विधान किया; फिर भी इनकार करनेवाले लोग दूसरों को अपने रब के समकक्ष ठहराते है

Tafseer (तफ़सीर )

هُوَ
वो ही है
ٱلَّذِى
जिसने
خَلَقَكُم
पैदा किया तुम्हें
مِّن
मिट्टी से
طِينٍ
मिट्टी से
ثُمَّ
फिर
قَضَىٰٓ
उस ने मुक़र्रर की
أَجَلًاۖ
एक मुद्दत
وَأَجَلٌ
और एक (और) मुद्दत
مُّسَمًّى
मुक़र्रर है
عِندَهُۥۖ
उसके यहाँ
ثُمَّ
फिर (भी)
أَنتُمْ
तुम
تَمْتَرُونَ
तुम शक करते हो

Huwa allathee khalaqakum min teenin thumma qada ajalan waajalun musamman 'indahu thumma antum tamtaroona

वही है जिसने तुम्हें मिट्टी से पैदा किया, फिर (जीवन की) एक अवधि निश्चित कर दी और उसके यहाँ (क़ियामत की) एक अवधि और निश्चित है; फिर भी तुम संदेह करते हो!

Tafseer (तफ़सीर )

وَهُوَ
और वो है
ٱللَّهُ
अल्लाह
فِى
आसमानों में
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों में
وَفِى
और ज़मीन में
ٱلْأَرْضِۖ
और ज़मीन में
يَعْلَمُ
वो जानता है
سِرَّكُمْ
पोशीदा तुम्हारा
وَجَهْرَكُمْ
और ज़ाहिर तुम्हारा
وَيَعْلَمُ
और वो जानता है
مَا
जो
تَكْسِبُونَ
तुम कमाते हो

Wahuwa Allahu fee alssamawati wafee alardi ya'lamu sirrakum wajahrakum waya'lamu ma taksiboona

वही अल्लाह है, आकाशों में भी और धरती में भी। वह तुम्हारी छिपी और तुम्हारी खुली बातों को जानता है, और जो कुछ तुम कमाते हो, वह उससे भी अवगत है

Tafseer (तफ़सीर )

وَمَا
और नहीं
تَأْتِيهِم
आती उनके पास
مِّنْ
कोई निशानी
ءَايَةٍ
कोई निशानी
مِّنْ
निशानियों में से
ءَايَٰتِ
निशानियों में से
رَبِّهِمْ
उनके रब की
إِلَّا
मगर
كَانُوا۟
हैं वो
عَنْهَا
उनसे
مُعْرِضِينَ
ऐराज़ करने वाले

Wama tateehim min ayatin min ayati rabbihim illa kanoo 'anha mu'rideena

हाल यह है कि उनके रब की निशानियों में से कोई निशानी भी उनके पास ऐसी नहीं आई, जिससे उन्होंने मुँह न मोड़ लिया हो

Tafseer (तफ़सीर )

فَقَدْ
पस तहक़ीक़
كَذَّبُوا۟
उन्होंने झुठलाया
بِٱلْحَقِّ
हक़ को
لَمَّا
जब
جَآءَهُمْۖ
वो आया उनके पास
فَسَوْفَ
पस अनक़रीब
يَأْتِيهِمْ
आऐंगी उनके पास
أَنۢبَٰٓؤُا۟
ख़बरें
مَا
उसकी जो
كَانُوا۟
थे वो
بِهِۦ
जिसका
يَسْتَهْزِءُونَ
वो मज़ाक़ उड़ाते

Faqad kaththaboo bialhaqqi lamma jaahum fasawfa yateehim anbao ma kanoo bihi yastahzioona

उन्होंने सत्य को झुठला दिया, जबकि वह उनके पास आया। अतः जिस चीज़ को वे हँसी उड़ाते रहे हैं, जल्द ही उसके सम्बन्ध में उन्हें ख़बरे मिल जाएगी

Tafseer (तफ़सीर )

أَلَمْ
क्या नहीं
يَرَوْا۟
उन्होंने देखा
كَمْ
कितनी ही
أَهْلَكْنَا
हलाक कर दीं हमने
مِن
उनसे पहले
قَبْلِهِم
उनसे पहले
مِّن
क़ौमें
قَرْنٍ
क़ौमें
مَّكَّنَّٰهُمْ
क़ुदरत दी थी हम ने उन्हें
فِى
ज़मीन में
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
مَا
वो जो
لَمْ
नहीं
نُمَكِّن
हमने क़ुदरत दी
لَّكُمْ
तुम्हें
وَأَرْسَلْنَا
और भेजा हमने
ٱلسَّمَآءَ
आसमान को
عَلَيْهِم
उन पर
مِّدْرَارًا
बहुत बरसने वाला
وَجَعَلْنَا
और बनाईं हमने
ٱلْأَنْهَٰرَ
नहरें
تَجْرِى
जो बहती थीं
مِن
उनके नीचे से
تَحْتِهِمْ
उनके नीचे से
فَأَهْلَكْنَٰهُم
पस हलाक कर दिया हमने उन्हें
بِذُنُوبِهِمْ
बवजह उनके गुनाहों के
وَأَنشَأْنَا
और उठाईं हमने
مِنۢ
बाद उनके
بَعْدِهِمْ
बाद उनके
قَرْنًا
क़ौमें
ءَاخَرِينَ
दूसरी

Alam yaraw kam ahlakna min qablihim min qarnin makkannahum fee alardi ma lam numakkin lakum waarsalna alssamaa 'alayhim midraran waja'alna alanhara tajree min tahtihim faahlaknahum bithunoobihim waanshana min ba'dihim qarnan akhareena

क्या उन्होंने नहीं देखा कि उनसे पहले कितने ही गिरोहों को हम विनष्ट कर चुके है। उन्हें हमने धरती में ऐसा जमाव प्रदान किया था, जो तुम्हें नहीं प्रदान किया। और उनपर हमने आकाश को ख़ूब बरसता छोड़ दिया और उनके नीचे नहरें बहाई। फिर हमने आकाश को ख़ूब बरसता छोड़ दिया और उनके नीचे नहरें बहाई। फिर हमने उन्हें उनके गुनाहों के कारण विनष्ट़ कर दिया और उनके पश्चात दूसरे गिरोहों को उठाया

Tafseer (तफ़सीर )

وَلَوْ
और अगर
نَزَّلْنَا
नाज़िल करते हम
عَلَيْكَ
आप पर
كِتَٰبًا
एक किताब
فِى
काग़ज़ में
قِرْطَاسٍ
काग़ज़ में
فَلَمَسُوهُ
फिर वो छू लेते उसे
بِأَيْدِيهِمْ
अपने हाथों से
لَقَالَ
अलबत्ता कहते
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
كَفَرُوٓا۟
कुफ़्र किया
إِنْ
नहीं है
هَٰذَآ
ये
إِلَّا
मगर
سِحْرٌ
जादू
مُّبِينٌ
खुल्लम-खुल्ला/वाज़ेह

Walaw nazzalna 'alayka kitaban fee qirtasin falamasoohu biaydeehim laqala allatheena kafaroo in hatha illa sihrun mubeenun

और यदि हम तुम्हारे ऊपर काग़ज़ में लिखी-लिखाई किताब भी उतार देते और उसे लोग अपने हाथों से छू भी लेते तब भी, जिन्होंने इनकार किया है, वे यही कहते, 'यह तो बस एक खुला जादू हैं।'

Tafseer (तफ़सीर )

وَقَالُوا۟
और उन्होंने कहा
لَوْلَآ
क्यों नहीं
أُنزِلَ
उतारा गया
عَلَيْهِ
उस पर
مَلَكٌۖ
कोई फ़रिश्ता
وَلَوْ
और अगर
أَنزَلْنَا
उतारते हम
مَلَكًا
कोई फ़रिश्ता
لَّقُضِىَ
अलबत्ता फ़ैसला कर दिया जाता
ٱلْأَمْرُ
मामले का
ثُمَّ
फिर
لَا
ना वो मोहलत दिए जाते
يُنظَرُونَ
ना वो मोहलत दिए जाते

Waqaloo lawla onzila 'alayhi malakun walaw anzalna malakan laqudiya alamru thumma la yuntharoona

उनका तो कहना है, 'इस (नबी) पर कोई फ़रिश्ता (खुले रूप में) क्यों नहीं उतारा गया?' हालाँकि यदि हम फ़रिश्ता उतारते तो फ़ैसला हो चुका होता। फिर उन्हें कोई मुहल्लत न मिलती

Tafseer (तफ़सीर )

وَلَوْ
और अगर
جَعَلْنَٰهُ
बनाते हम उसे
مَلَكًا
एक फ़रिश्ता
لَّجَعَلْنَٰهُ
अलबत्ता बनाते हम उसे
رَجُلًا
आदमी ही
وَلَلَبَسْنَا
और अलबत्ता मुशतबा कर देते हम
عَلَيْهِم
उन पर
مَّا
जो
يَلْبِسُونَ
वो शुबह करते हैं

Walaw ja'alnahu malakan laja'alnahu rajulan walalabasna 'alayhim ma yalbisoona

यह बात भी है कि यदि हम उसे (नबी को) फ़रिश्ता बना देते तो उसे आदमी ही (के रूप का) बनाते। इस प्रकार उन्हें उसी सन्देह में डाल देते, जिस सन्देह में वे इस समय पड़े हुए है

Tafseer (तफ़सीर )

وَلَقَدِ
और अलबत्ता तहक़ीक़
ٱسْتُهْزِئَ
मज़ाक़ उड़ाया गया
بِرُسُلٍ
कई रसूलों का
مِّن
आप से पहले
قَبْلِكَ
आप से पहले
فَحَاقَ
तो घेर लिया
بِٱلَّذِينَ
उनको जिन्होंने
سَخِرُوا۟
तमस्ख़र किया
مِنْهُم
उनमें से
مَّا
उसने जो
كَانُوا۟
थे वो
بِهِۦ
जिसका
يَسْتَهْزِءُونَ
वो मज़ाक़ उड़ाते

Walaqadi istuhzia birusulin min qablika fahaqa biallatheena sakhiroo minhum ma kanoo bihi yastahzioona

तुमसे पहले कितने ही रसूलों की हँसी उड़ाई जा चुकी है। अन्ततः जिन लोगों ने उनकी हँसी उड़ाई थी, उन्हें उसी न आ घेरा जिस बात पर वे हँसी उड़ाते थे

Tafseer (तफ़सीर )
कुरान की जानकारी :
अल-अनाम
القرآن الكريم:الأنعام
आयत सजदा (سجدة):-
सूरा (latin):Al-An'am
सूरा:6
कुल आयत:165
कुल शब्द:3100
कुल वर्ण:12935
रुकु:20
वर्गीकरण:मक्कन सूरा
Revelation Order:55
से शुरू आयत:789