وَمَآ اَفَاۤءَ اللّٰهُ عَلٰى رَسُوْلِهٖ مِنْهُمْ فَمَآ اَوْجَفْتُمْ عَلَيْهِ مِنْ خَيْلٍ وَّلَا رِكَابٍ وَّلٰكِنَّ اللّٰهَ يُسَلِّطُ رُسُلَهٗ عَلٰى مَنْ يَّشَاۤءُۗ وَاللّٰهُ عَلٰى كُلِّ شَيْءٍ قَدِيْرٌ ( الحشر: ٦ )
Wama afaa Allahu 'ala rasoolihi minhum fama awjaftum 'alayhi min khaylin wala rikabin walakinna Allaha yusallitu rusulahu 'ala man yashao waAllahu 'ala kulli shayin qadeerun (al-Ḥašr 59:6)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और अल्लाह ने उनसे लेकर अपने रसूल की ओर जो कुछ पलटाया, उसके लिए न तो तुमने घोड़े दौड़ाए और न ऊँट। किन्तु अल्लाह अपने रसूलों को जिसपर चाहता है प्रभुत्व प्रदान कर देता है। अल्लाह को तो हर चीज़ की सामर्थ्य प्राप्ति है
English Sahih:
And what Allah restored [of property] to His Messenger from them – you did not spur for it [in an expedition] any horses or camels, but Allah gives His messengers power over whom He wills, and Allah is over all things competent. ([59] Al-Hashr : 6)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(तो) जो माल ख़ुदा ने अपने रसूल को उन लोगों से बे लड़े दिलवा दिया उसमें तुम्हार हक़ नहीं क्योंकि तुमने उसके लिए कुछ दौड़ धूप तो की ही नहीं, न घोड़ों से न ऊँटों से, मगर ख़ुदा अपने पैग़म्बरों को जिस पर चाहता है ग़लबा अता फरमाता है और ख़ुदा हर चीज़ पर क़ादिर है