ذٰلِكَ بِاَنَّهُمْ شَاۤقُّوا اللّٰهَ وَرَسُوْلَهٗ ۖوَمَنْ يُّشَاۤقِّ اللّٰهَ فَاِنَّ اللّٰهَ شَدِيْدُ الْعِقَابِ ( الحشر: ٤ )
That
ذَٰلِكَ
ये
(is) because [they]
بِأَنَّهُمْ
बवजह उसके कि वो
they opposed
شَآقُّوا۟
उन्होंने मुख़ालिफ़त की
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह की
and His Messenger
وَرَسُولَهُۥۖ
और उसके रसूल की
And whoever
وَمَن
और जो
opposes
يُشَآقِّ
मुख़ालिफ़त करेगा
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह की
then indeed
فَإِنَّ
तो बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
(is) severe
شَدِيدُ
सख़्त
(in) penalty
ٱلْعِقَابِ
सज़ा वाला है
Thalika biannahum shaqqoo Allaha warasoolahu waman yushaqqi Allaha fainna Allaha shadeedu al'iqabi (al-Ḥašr 59:4)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
यह इसलिए कि उन्होंने अल्लाह और उसके रसूल का मुक़ाला करने की कोशिश की। और जो कोई अल्लाह का मुक़ाबला करता है तो निश्चय ही अल्लाह की यातना बहुत कठोर है
English Sahih:
That is because they opposed Allah and His Messenger. And whoever opposes Allah – then indeed, Allah is severe in penalty. ([59] Al-Hashr : 4)