لَىِٕنْ اُخْرِجُوْا لَا يَخْرُجُوْنَ مَعَهُمْۚ وَلَىِٕنْ قُوْتِلُوْا لَا يَنْصُرُوْنَهُمْۚ وَلَىِٕنْ نَّصَرُوْهُمْ لَيُوَلُّنَّ الْاَدْبَارَۙ ثُمَّ لَا يُنْصَرُوْنَ ( الحشر: ١٢ )
If
لَئِنْ
अलबत्ता अगर
they are expelled
أُخْرِجُوا۟
वो निकाले गए
not
لَا
नहीं वो निकलेंगे
they will leave
يَخْرُجُونَ
नहीं वो निकलेंगे
with them
مَعَهُمْ
साथ उनके
and if
وَلَئِن
और अलबत्ता अगर
they are fought
قُوتِلُوا۟
वो जंग किए गए
not
لَا
नहीं वो मदद करेंगे उनकी
they will help them
يَنصُرُونَهُمْ
नहीं वो मदद करेंगे उनकी
And if
وَلَئِن
और अलबत्ता अगर
they help them
نَّصَرُوهُمْ
उन्होंने मदद की भी उनकी
certainly they will turn
لَيُوَلُّنَّ
अलबत्ता वो ज़रूर फेर लेंगे
(their) backs;
ٱلْأَدْبَٰرَ
पुश्तें
then
ثُمَّ
फिर
not
لَا
ना वो मदद किए जाऐंगे
they will be helped
يُنصَرُونَ
ना वो मदद किए जाऐंगे
Lain okhrijoo la yakhrujoona ma'ahum walain qootiloo la yansuroonahum walain nasaroohum layuwallunna aladbara thumma la yunsaroona (al-Ḥašr 59:12)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
यदि वे निकाले गए तो वे उनके साथ नहीं निकलेंगे और यदि उनसे युद्ध हुआ तो वे उनकी सहायता कदापि न करेंगे और यदि उनकी सहायता करें भी तो पीठ फेंर जाएँगे। फिर उन्हें कोई सहायता प्राप्त न होगी
English Sahih:
If they are expelled, they will not leave with them, and if they are fought, they will not aid them. And [even] if they should aid them, they will surely turn their backs; then [thereafter] they will not be aided. ([59] Al-Hashr : 12)