۞ اَلَمْ تَرَ اِلَى الَّذِيْنَ نَافَقُوْا يَقُوْلُوْنَ لِاِخْوَانِهِمُ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا مِنْ اَهْلِ الْكِتٰبِ لَىِٕنْ اُخْرِجْتُمْ لَنَخْرُجَنَّ مَعَكُمْ وَلَا نُطِيْعُ فِيْكُمْ اَحَدًا اَبَدًاۙ وَّاِنْ قُوْتِلْتُمْ لَنَنْصُرَنَّكُمْۗ وَاللّٰهُ يَشْهَدُ اِنَّهُمْ لَكٰذِبُوْنَ ( الحشر: ١١ )
Alam tara ila allatheena nafaqoo yaqooloona liikhwanihimu allatheena kafaroo min ahli alkitabi lain okhrijtum lanakhrujanna ma'akum wala nutee'u feekum ahadan abadan wain qootiltum lanansurannakum waAllahu yashhadu innahum lakathiboona (al-Ḥašr 59:11)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
क्या तुमने उन लोगों को नहीं देखा जिन्होंने कपटाचार की नीति अपनाई हैं, वे अपने किताबवाले उन भाइयों से, जो इनकार की नीति अपनाए हुए है, कहते है, 'यदि तुम्हें निकाला गया तो हम भी अवश्य ही तुम्हारे साथ निकल जाएँगे और तुम्हारे मामले में किसी की बात कभी भी नहीं मानेंगे। और यदि तुमसे युद्ध किया गया तो हम अवश्य तुम्हारी सहायता करेंगे।' किन्तु अल्लाह गवाही देता है कि वे बिलकुल झूठे है
English Sahih:
Have you not considered those who practice hypocrisy, saying to their brothers [i.e., associates] who have disbelieved among the People of the Scripture, "If you are expelled, we will surely leave with you, and we will not obey, in regard to you, anyone – ever; and if you are fought, we will surely aid you." But Allah testifies that they are liars. ([59] Al-Hashr : 11)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
क्या तुमने उन मुनाफ़िकों की हालत पर नज़र नहीं की जो अपने काफ़िर भाइयों अहले किताब से कहा करते हैं कि अगर कहीं तुम (घरों से) निकाले गए तो यक़ीन जानों कि हम भी तुम्हारे साथ (ज़रूर) निकल खड़े होंगे और तुम्हारे बारे में कभी किसी की इताअत न करेंगे और अगर तुमसे लड़ाई होगी तो ज़रूर तुम्हारी मदद करेंगे, मगर ख़ुदा बयान किए देता है कि ये लोग यक़ीनन झूठे हैं